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"सब कुछ जानना ही ज्ञान नहीं"

सब कुछ जानना ही ज्ञान नहीं

प्रिय मित्रों यह कहावत अक्सर हम सुनते हैं कि "जितना जानोगे, उतना बढ़ोगे"। यह बिल्कुल सच है। ज्ञान प्राप्त करना, सीखना, हमेशा एक सकारात्मक पहल होती है। लेकिन क्या हमने कभी सोचा है कि ज्ञान सिर्फ जानकारी जमा करने के बारे में ही है? या कुछ चीजों को जानबूझकर न जानने में भी एक गहरा ज्ञान छिपा हो सकता है?
उपरोक्त पंक्तियां हमें एक गहन विचार के लिए आमंत्रित करती हैं। वे कहती हैं कि सब कुछ सीखना ही ज्ञान नहीं है। कुछ चीजों को नजरअंदाज करना भी ज्ञान की श्रेणी में आता है। यह एक ऐसा विचार है जो हमारे पारंपरिक ज्ञान की अवधारणा को चुनौती देता है।

क्यों कुछ चीजें न जानना भी ज्ञान है?
मन की शांति: आज के युग में सूचनाओं का ऐसा भंडार है कि हर समय हमारे दिमाग में नई-नई बातें घूमती रहती हैं। कई बार यह जानकारी हमारे लिए उपयोगी नहीं होती है, बल्कि हमें अनावश्यक तनाव देती है। कुछ चीजों को न जानकर हम अपने मन को शांत रख सकते हैं।
ध्यान केंद्रित करना: जब हम सब कुछ जानने की कोशिश करते हैं तो हमारा ध्यान बंट जाता है। कुछ चीजों को नजरअंदाज करके हम अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।
नई चीजें सीखने के लिए जगह बनाना: जब हम अपने दिमाग को नई जानकारी से भर देते हैं तो उसके पास नई चीजें सीखने के लिए जगह नहीं बचती। कुछ चीजों को भूलकर हम अपने दिमाग को नई चीजें सीखने के लिए तैयार कर सकते हैं।
अन्य लोगों का सम्मान करना: हर व्यक्ति के पास कुछ न कुछ विशेष ज्ञान होता है। जब हम सब कुछ जानने का दावा करते हैं तो हम दूसरों के ज्ञान का अपमान करते हैं। कुछ चीजों को न जानकर हम दूसरों के ज्ञान का सम्मान कर सकते हैं।
निष्कर्ष

ज्ञान सिर्फ तथ्यों और आंकड़ों का संग्रह नहीं है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें हम दुनिया को समझने और अपने आप को बेहतर बनाने की कोशिश करते हैं। कुछ चीजों को न जानना भी इस प्रक्रिया का एक हिस्सा है। यह हमें मन की शांति, ध्यान केंद्रित करने की क्षमता, नई चीजें सीखने के लिए जगह और दूसरों का सम्मान करने की क्षमता देता है।

आज के युग में यह विचार और भी महत्वपूर्ण हो गया है। जब हम सोशल मीडिया और इंटरनेट पर डूबे रहते हैं तो हमारे दिमाग पर बहुत सारी बेकार जानकारी का बोझ होता है। हमें यह समझने की जरूरत है कि सब कुछ जानना जरूरी नहीं है। कुछ चीजों को न जानकर हम एक बेहतर जीवन जी सकते हैं।

आइए हम सभी यह संकल्प लें कि हम केवल उपयोगी जानकारी ही प्राप्त करेंगे और बेकार जानकारी को नजरअंदाज करेंगे। इससे न केवल हमारा व्यक्तिगत विकास होगा बल्कि हम एक बेहतर समाज का निर्माण भी कर पाएंगे।

. "सनातन"
(एक सोच , प्रेरणा और संस्कार) 
 पंकज शर्मा 
(कमल सनातनी)
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