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हिंदी दिवस पर भाषण प्रतियोगिता एवं निबन्ध प्रतियोगिता का आयोजन करेगी दिव्य जीर्णोद्धार फाउंडेशन |

हिंदी दिवस पर भाषण प्रतियोगिता एवं निबन्ध प्रतियोगिता का आयोजन करेगी दिव्य जीर्णोद्धार फाउंडेशन |

संस्था के अध्यक्ष जितेन्द्र सिन्हा जी ने बतायाकि आगामी १४ सितम्बर को पटना के फुलवाड़ी शरीफ स्थित सरस्वती विद्यामंदिर में दिव्य जीर्णोद्धार फाउंडेशन के द्वारा हिंदी दिवस के अवसर पर भाषण प्रतियोगिता एवं निबन्ध प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा | इस कार्यक्रम में वर्ग ६ से १० वर्ग से लगभग ५० छात्र सम्मिलित होगे |

हमारी संस्था दिव्य जीर्णोद्धार फाउंडेशन एक कंपनी एक्ट के तहत निबंधित संस्था है, जो बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए संकल्पित है। यह संस्था समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के उद्देश्य से कार्यरत है, विशेषकर बच्चों के शैक्षिक, मानसिक, शारीरिक, और सांस्कृतिक विकास के क्षेत्र में।

फाउंडेशन का मानना है कि बच्चों का समग्र विकास समाज की नींव को मजबूत करता है। इसके लिए संस्था विभिन्न गतिविधियों और कार्यक्रमों का आयोजन करती है, जिनमें शिक्षा, संस्कार, खेलकूद, और सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल हैं। संस्था का लक्ष्य है कि हर बच्चे को उसकी पूर्ण क्षमता तक पहुँचने के अवसर प्रदान किए जाएं, ताकि वे एक सफल और जिम्मेदार नागरिक बन सकें।

दिव्य जीर्णोद्धार फाउंडेशन न केवल शहरी क्षेत्रों में बल्कि ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में भी कार्य कर रही है, ताकि वहां के बच्चों को भी समान अवसर मिल सके। संस्था का प्रयास है कि कोई भी बच्चा शिक्षा, स्वास्थ्य, और विकास के अवसरों से वंचित न रहे।

फाउंडेशन के द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों में बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य, शैक्षिक सहायता, और नैतिक मूल्यों का विकास प्राथमिकता के साथ शामिल है। इसके अतिरिक्त, संस्था सामाजिक और सांस्कृतिक जागरूकता बढ़ाने के लिए भी प्रयासरत है, ताकि बच्चे अपने समाज और संस्कृति के प्रति गर्व महसूस कर सकें।



दिव्य जीर्णोद्धार फाउंडेशन का यह संकल्प है कि वह बच्चों के सर्वांगीण विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और उनके उज्ज्वल भविष्य की दिशा में निरंतर कार्य करती रहेगी। दिव्य जीर्णोद्धार फाउंडेशन आगामी हिंदी दिवस, 14 सितम्बर को निबन्ध सह भाषण प्रतियोगिता का आयोजन कर रही है। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य हिंदी भाषा के महत्व को उजागर करना, छात्रों में हिंदी के प्रति जागरूकता और प्रेम उत्पन्न करना, और उन्हें अपनी मातृभाषा के प्रति गर्व की भावना से भरना है।

श्री सिन्हा ने बतायाकि हमारा इस कार्यक्रम को करने का उद्देश्य हैकि :

1. बच्चो के बीच हिंदी भाषा का संवर्धन हो :-हिंदी दिवस के माध्यम से छात्रों में हिंदी भाषा के प्रति सम्मान और उत्साह को बढ़ावा देना, ताकि वे इसे सिर्फ एक विषय के रूप में न देखें, बल्कि अपनी सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा मानें।

2. बच्चो के बीच भाषाई कौशल का विकास हो :- प्रतियोगिता के माध्यम से छात्रों को अपनी अभिव्यक्ति हिंदी में बेहतर ढंग से प्रस्तुत करने का अवसर मिलेगा। इससे उनकी भाषाई क्षमता का विकास होगा और वे अपने विचारों को स्पष्ट और प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करना सीखेंगे।

3. बच्चो के बीच संस्कृति और परंपरा का संरक्षण हो सके | हिंदी भाषा भारत की संस्कृति और परंपरा का अभिन्न हिस्सा है। इस प्रतियोगिता के माध्यम से छात्रों को अपनी सांस्कृतिक धरोहर के महत्व को समझने और उसे आगे बढ़ाने का अवसर मिलेगा।

4. बच्चो के बीच प्रतिस्पर्धात्मक भावना का विकास हो :-प्रतियोगिता में भाग लेकर छात्रों में प्रतिस्पर्धात्मक भावना का विकास होगा, जो उनके समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण है।

श्री सिन्हा ने आगे इस से होनेवाले लाभ पर बतायाकि इस प्रकार के आयोजन से :-

1. बच्चो के बीच भाषाई और विचारशील विकास: होगा:- इस प्रतियोगिता में भाग लेने से छात्रों का भाषाई कौशल और विचारशीलता में सुधार होगा। वे न केवल अपनी हिंदी भाषा को बेहतर बनाएंगे, बल्कि सोचने और समझाने की क्षमता भी विकसित करेंगे।

2. बच्चो के बीच आत्मविश्वास में वृद्धि होगी :-मंच पर अपने विचारों को व्यक्त करने से छात्रों के आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। यह अनुभव उन्हें भविष्य में सार्वजनिक बोलने और प्रस्तुतियों में भी मदद करेगा।

3. बच्चो के बीच सर्जनात्मकता का प्रोत्साहन होगा:-निबन्ध लेखन से छात्रों की सर्जनात्मकता को प्रोत्साहन मिलेगा। वे अपने विचारों को सृजनात्मक ढंग से व्यक्त करना सीखेंगे, जिससे उनकी लेखन शैली में भी निखार आएगा।

4. बच्चो को सम्मान और पुरस्कार मिलने से उनका आत्मविश्वास बढेगा :- प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को प्रमाण पत्र और अन्य पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा, जो उनकी मेहनत और समर्पण को मान्यता प्रदान करेगा।

5. बच्चो के बीच सांस्कृतिक जुड़ाव होगा :-इस आयोजन के माध्यम से छात्रों को अपनी संस्कृति और परंपरा से जुड़ने का अवसर मिलेगा, जिससे उनमें अपने देश और उसकी विविधता के प्रति गर्व की भावना जागृत होगी। यह प्रतियोगिता छात्रों के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, जिससे वे न केवल एक अच्छे छात्र बनेंगे, बल्कि एक जागरूक और संवेदनशील नागरिक भी बनेंगे।
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