Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

सत्ता सन्मुख वस्त्रहीन हो बिछने वालो

सत्ता सन्मुख वस्त्रहीन हो बिछने वालो

अर्चना पाण्डेय   
एक मंच दो पुरस्कार में बिकने वालो
तुमसे अच्छी कई नगर की गणिकाएं हैं
सत्ता में कोई भी आया
खंडकाव्य उसपर लिख डाले
श्वानों जैसे चरण चाट कर
तुमने सब पर डोरे डाले
कभी यहाँ तो कभी वहां पर दिखने वालो
एक मंच दो पुरस्कार में बिकने वालो
तुमसे अच्छी कई नगर की गणिकाएं हैं
जब से धन को बाप बनाया
तब से तुम सब गद्दार हुए
कलम न बेची नारा देकर
खुद बिकने को तैयार हुए
मक्कारों की चरण वन्दना लिखने वालो
एक मंच दो पुरस्कार में बिकने वालो
तुमसे अच्छी कई नगर की गणिकाएं हैं
मरयादा का मोल नहीं तुम
बिलकुल छुट्टे सांड हो गए
नाच रहे हो हिजड़ों जैसे
कवि न हुए तुम भांड हो गए
कविता कहकर पैरोडी से ठगने वालो
एक मंच दो पुरस्कार में बिकने वालो
तुमसे अच्छी कई नगर की गणिकाएं हैं
सच लिखने का साहस गिरवी
मंचों पर हिम्मत की बातें
कठमुल्लों से डर के कारण
भूल गए हिन्दू पर घातें
सत्य त्याग कर यहाँ वहाँ की बकने वालो
एक मंच दो पुरस्कार में बिकने वालो
तुमसे अच्छी कई नगर की गणिकाएं हैं
कवि का जन्म लिया है यदि तो
सब कुछ सच सच बतलाओ ना
सत्य नहीं लिख सकते हो तो
कहीं डूब कर मर जाओ ना
मंचों पर बस पाक चाइना पढ़ने वालो
एक मंच दो पुरस्कार में बिकने वालो तुमसे अच्छी कई नगर की गणिकाएं हैं
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ