अखबार हुआ महद जीवन में ,
अनभिज्ञ से भी परिचय कराता ।जिसे देखा सुना नहीं कभी भी ,
उसकी भी जानकारी दिलाता ।।
विश्व की हर घटनाऍं दुर्घटनाऍं ,
पूर्ण रूप से हमें अवगत कराता ।
साहित्यिक बातें और कहानियाॅं ,
बड़े मजे से हमें यह है पढ़ाता ।।
अखबार से महद उसका जीवन ,
जो अखबार घर घर पहुॅंचाता ।
बड़े मजे से चिल्ला चिल्लाकर ,
मुख्य खबरें वह पहले सुनाता ।।
नित्य नव समाचार है यह देता ,
अखबार पात्र सदा आभार का ।
धन्य जीवन है अखबार विक्रेता ,
तेरा जीवन रहे सदा बहार का ।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
अरुण दिव्यांश
डुमरी अड्डा
छपरा ( सारण )बिहार ।
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com