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पर्यटन की अठखेलियों से,शांति का परम संदेश

पर्यटन की अठखेलियों से,शांति का परम संदेश

संपूर्ण विश्व परिवार सम,
विविधता अंतर एकता भाव ।
रंग बिरंगी लोक कला झंकार,
परिधान व्यंजन स्वाद प्रभाव ।
सर्व धर्म समभाव
मानवता वंदित सौम्य परिवेश ।
पर्यटन की अठखेलियों से,शांति का परम संदेश ।।


प्रीत अनुबंध प्रकृति संग,
वन्य जीव जंतु प्रति स्नेह ।
संरक्षण हित नैतिक प्रयास,
समुचित पोषण प्रबंधन गेह ।
जैव विविधता अनुपम बिंदु ,
जनमानस वैचारिकी संजेश ।
पर्यटन की अठखेलियों से,शांति का परम संदेश ।।


परा संस्कृति ज्ञान अवबोध,
सदा प्रशस्त प्रगति पथ ।
समन्वय वर्तमान दिनचर्या,
इतिहास अनुपमा शपथ ।
अद्यतन ज्ञान विज्ञान तथ्य,
भ्रांति अंधविश्वास अंकेश ।
पर्यटन की अठखेलियों से,शांति का परम संदेश ।।


यात्रा भ्रमण रोमांच जन्य,
प्रेरणास्पद जानकारी अनंत ।
चिंतन सोच विस्तार प्रभाव,
सुख समृद्ध परिवेश बसंत ।
पुनीत प्रखर अपनत्व लड़ियां,
सांस्कृतिकता उन्मुख मंजेश ।
पर्यटन की अठखेलियों से,शांति का परम संदेश ।।


कुमार महेन्द्र(स्वरचित मौलिक रचना)
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