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शब्दाक्षर के राष्ट्रीय कार्यक्रम में औरंगाबाद के साहित्यकारों का रहा जलवा

शब्दाक्षर के राष्ट्रीय कार्यक्रम में औरंगाबाद के साहित्यकारों का रहा जलवा

राष्ट्रीय साहित्यिक संस्था 'शब्दाक्षर' के बैनर तले गोमती नगर, लखनऊ के कसाया इन रिसार्ट में त्रिदिवसीय सम्मान समारोह सह कवि सम्मेलन का भव्य आयोजन किया गया। संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि प्रताप सिंह, कार्यक्रम प्रमुख बुद्धिनाथ मिश्र एवं व्यवस्था प्रमुख संतोष हिन्दवी की देखरेख में आयोजित यह कार्यक्रम अत्यंत ही आकर्षक एवं उत्साहवर्धक रहा।कार्यक्रम का विधिवत् उद्घाटन उपर्युक्त महानुभावों के अलावा राष्ट्रीय प्रचार मंत्री धनंजय जयपुरी, साहित्य मंत्री अनामिका सिंह, बिहार प्रदेश अध्यक्ष मनोज मिश्र पद्मनाभ, राजकुमार महोबिया, लखन डेहरिया, कामना पाण्डेय इत्यादि ने किया। भारत के 25 राज्यों से पहुंचे करीब 110 साहित्यकारों का स्वागत-सम्मान शब्दाक्षर का प्रतीक-चिन्ह एवं अंग-वस्त्र प्रदान कर किया गया। उक्त कार्यक्रम में बिहार प्रदेश सचिव विनय मामूली बुद्धि, औरंगाबाद जिलाध्यक्ष नागेन्द्र केशरी, सचिव अनुज बेचैन, संगठन सचिव सुरेश विद्यार्थी, प्रचार मंत्री हिमांशु चक्रपाणि इत्यादि ने अपनी काव्य-प्रतिभा का जलवा बिखेरते हुए विभिन्न क्षेत्रों से पधारे काव्य-कर्मियों को मंत्रमुग्ध कर दिया। गीत ऋषि बुद्धिनाथ मिश्र ने अपने वक्तव्य में कहा कि हम शब्दाक्षरियों का मूल उद्देश्य हिन्दी को प्रचार -प्रसार के माध्यम से केवल भारत ही नहीं अपितु सम्पूर्ण विश्व में शीर्ष स्थान पर स्थापित कराना है। अध्यक्षीय उद्बोधन में रवि प्रताप सिंह ने कहा कि यह गर्व का विषय है कि हिन्दी विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली तीसरी भाषा है परन्तु, हमें तब तक आत्मिक शांति नहीं मिलेगी जबतक यह प्रथम स्थान नहीं पा लेती। उन्होंने अगला राष्ट्रीय कार्यक्रम राजस्थान में होने की घोषणा कर शब्दाक्षर के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कार्यक्रम की समाप्ति की घोषणा की। 
उक्त अवसर पर भारत के विभिन्न राज्यों से पधारे उच्च स्तर के काव्यकार यथा लिंगम साहब, निशांत गुलशन,संत कुमार बाजपेई, सुबोध कुमार मिश्र, बलवंत सिंह मानव, डॉ उर्वशी श्रीवास्तव, डॉ राजीव खरे, हाकम भारद्वाज, मधु गोयल अतुल बाजपेई इत्यादि के काव्य-पाठ भी अत्यंत ही मनोमुग्धकारी एवं उत्साहवर्धक रहे।
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