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जयति जय जय भारत वंदन

जयति जय जय भारत वंदन

पावन संकल्प विकसित राष्ट्र,
उज्ज्वल छवि वैश्विक पटल ।
स्वस्थ स्वच्छ भारती प्रांगण,
स्वाभिमान रक्षा ध्येय अटल ।
अग्र कदम शिक्षा प्रौद्योगिकी,
स्नेह भाई चारा नयनन अंजन ।
जयति जय जय भारत वंदन ।।


उत्तर शोभा पर्वतराज श्री,
दक्षिण पावन हिंद सागर ।
पूर्व सुरभि मलयज वनवाई,
पश्चिमी मरु आनंद गागर ।
छटा मोहिनी मध्य बिंदु,
सुख समृद्धि शांति मंडन ।
जयति जय जय भारत वंदन । ।


स्वच्छमेव जयते अनूप मंत्र ,
दैनिक जीवन अभिन्न अंग ।
देश प्रेम ज्योति मनोरम,
अंतःकरण निर्झर आशा उमंग ।
परा विरासत प्रेरणा पुंज ,
परंपरा संस्कार संस्कृति रंजन ।
जयति जय जय भारत वंदन ।।


संविधान सम्मत राज काज,
नागरिक संचेतना अद्भुत ।
अधिकार पूर्व कर्तव्य भान ,
भारती गौरव शौर्य अच्युत ।
समता समानता सजग प्रयास ,
परिवेश उत्सविक प्रभा स्पंदन ।
जयति जय जय भारत वंदन ।।


कुमार महेन्द्र(स्वरचित मौलिक रचना)
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