शिक्षा की उपलब्धि में चरित्र में गिरावट चिंताजनक------ डॉक्टर विवेकानंद मिश्र
शिक्षा का मुख्य एवं अंतिम उद्देश्य चरित्रवान छात्र तथा सुयोग्य नागरिक का निर्माण करते हुए प्रगतिशील समाज और मजबूत एवं गतिशील राष्ट्र का निर्माण करना है; किंतु आज शिक्षा अपने मूल उद्देश्य से भटक कर न तो व्यवहारिक शिक्षा की ओर अग्रसर हो रही है और न ही चरित्र निर्माण की ओर, बल्कि स्पष्ट शब्दों में कहा जाय तो वर्तमान शिक्षा पद्धति बाजारीकरण के चकाचौंध में फंसी हुई है।
यह कथन है विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े कौटिल्य मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ विवेकानंद मिश्र का उन्होंने डॉक्टर विवेकानंद पथ गोलबगीच में डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म -दिवस (शिक्षक दिवस ) के अवसर पर आयोजित आभासीय बैठक का शुभारंभ करते हुए उक्त बातें कहीं।
सभा की अध्यक्षता बिहार के सेवानिवृत सम्माननीय शिक्षक एवं सम्मानित साहित्यकार आचार्य राधा मोहन मिश्र माधव ने की। उन्होंने
भू.पू. राष्ट्रपति, शिक्षक एवं महान दार्शनिक डा. राधाकृष्णन की स्पृहनीय जीवनी पर प्रकाश डालते हुए उन्हें आदर्श शिक्षक, समाजोन्मुख कुशल प्रशासक एवं शिक्षकों का प्रेरणास्रोत बताया।
प्रदेश राजद की वरिष्ठ नेतृ रूबी देवी एवं साहित्यकार तथा कवयित्री रानी मिश्रा ने कहा कि हमारी प्राचीन शिक्षा पद्धति गुरु- शिष्य परंपरा में थी मानवता के पथ -प्रदर्शन की भूमिका में थी लेकिन आज की पाश्चात्य शिक्षा- पद्धति में सबकुछ लुप्त हो गया।
प्रोफेसर अशोक कुमार यादव एवं प्रोफेसर संगीता, तथा लक्ष्मी सिंह ने कहा कि वर्तमान तकनीकी शिक्षा भौतिक उपलब्धि प्राप्त करने का एक माध्यम हो सकती है किंतु मानवीय जीवन को भावनात्म रूप से उन्नत करना उतना कठिन है।
* मगध के प्रसिद्ध समाजसेवी राजद के वरिष्ठ नेता अरविंद मिश्रा ने कहा कि राष्ट्रीय चेतना का संचार करने में जिन्होंने अपनी संपूर्ण जीवन को समर्पित कर दिया उस देशभक्त सर्वपल्ली डॉक्टर राधाकृष्णन का स्मरण करते हुए उनके प्रति हृदय से श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं। इन्होंनें शिक्षा- व्यवस्था में व्यापक सुधार की आवश्यकता पर विस्तार से चर्चा की।
* डॉक्टर मंटू मिश्रा ने नैतिक शिक्षा पर विशेष बल दिया।* इसके अलावे राजीव नयन पांडे विश्वजीत चक्रवर्ती प्रो रीना सिंह, डा किरण पाठक, प्रियंका मिश्रा, नीलम पासवान तरन्नुम तारा, नुसरत जहां,मुहम्मद इरशाद,अर्पण मिश्रा सूबी नगमतिया तसलीमा रेशमा परवीन शांति देवी संगीता कुमारी चंद्र भूषण मिश्रा रजनी चावला सुनीता देवी देवनारायण पाठक अधिवक्ता दीपक म शिक्षा एवं शोध संस्थान के निदेशक डॉ ज्ञानेश भारद्वाज डॉ राजीव नयन मिश्र आदि उल्लेखनीय थे।
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