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संबंध है छात्र व शिक्षक का ऐसा,

संबंध है छात्र व शिक्षक का ऐसा,

सुरेन्द्र कुमार रंजन
लगे पुत्र- पिता के जैसा।
सीखते हैं छात्र, शिक्षकों से कुछ ऐसा,
पास होने के लिए देते हैं उन्हें पैसा ।

पहले छात्र करते थे, शिक्षकों का सम्मान,
पर आज वे करते हैं, सिर्फ उनका अपमान।
शिक्षक - छात्र साथ-साथ करते हैं धूम्रपान,
हो नहीं सकता इस देश का कल्याण।

शिक्षा के नाम पर नित्य हो रहे हैं धोखे,
कदाचार के ढंग हैं अनोखे।
शिक्षक तो उन्हें रोक नहीं सके ,हैं
अभिभावक यदि चाहें तो उन्हें रोकें ।
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