हिन्दी ही संस्कृत की बेटी ,

हिन्दी ही संस्कृत की बेटी ,

संस्कृत से हमारी संस्कृति ।
संस्कृत है भारत का गौरव ,
जिसे हिन्दी से ही है प्रीति ।।
हिन्दी भारत का राष्ट्रभाषा ,
जिसे विश्व भी अपनाया है ।
हिन्दी है अंतरराष्ट्रीय भाषा ,
हर राष्ट्र में सम्मान पाया है ।।
हिन्दी ही हमारी संस्कृति ,
हिन्दी है भारतीय पहचान ।
हिन्दी ही भारत का गौरव ,
हिन्दी हमारा है स्वाभिमान ।।
हिन्दी मनोरंजन सांस्कृतिक
सांस्कृतिक संस्कृति बखान ।
हिन्दी से ही पहचान बढ़ा है ,
हिन्दी पर ही हमें अभिमान ।।
हिन्दी हमारी सदा पूज्य है ,
हिन्दी हमारे हिन्द अरमान ।
हिन्दी राष्ट्र राज मातृभाषा ,
विश्व में हिन्द बनाया महान ।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
अरुण दिव्यांश
डुमरी अड्डा
छपरा ( सारण )बिहार ।
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