अहंकार
आजकल के विधवाओं के ढंग हैं अनोखे ,विलासितापूर्ण जीवन जीने के ढंग हैं अनोखे।
उनके स्वभाव में एक बदलाव - सा आ गया है ,
उनके व्यवहार में एक ठहराव - सा आ गया है।
स्वभाव में चिडचिड़ापन ने डेरा जमा लिया है,
मधुरता की जगह कठोरता ने ले लिया है।
वैधव्य से पहले मधुरता उसके कण-कण में थी,
पर आज तो कड़वाहट उसके तन-मन में है।
अहंकार उसके मन में कूट-कूट कर है भरा,
इतनी बड़ी घटना के बाद भी उसका जी ना भरा।
अहंकार को छोड़कर करूणा को अपना लो,
नर्क - सी अपनी जिंदगी तू स्वर्ग- सा बना लो ।
सुरेन्द्र कुमार रंजन
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com