हर कदम, दिव्य भव्य राष्ट्र निर्माण की ओर

हर कदम, दिव्य भव्य राष्ट्र निर्माण की ओर

सुशोभित लोकतंत्र शीर्ष पद,
हिंद रज रज सादर नमन ।
नव आशा नवल अभिलाषा,
नवल धवल राष्ट्र सेवा वंदन ।
उर भाव वसुधैव कुटुंबकम्,
मानवता उत्थान प्रयास पुरजोर ।
हर कदम, दिव्य भव्य राष्ट्र निर्माण की ओर ।।

समग्र विकास सर्व उन्नति,
दृढ़ संकल्प परम ध्येय ।
अखंड धर्म कर्म साधना,
सनातनी स्वर मृदुल गेय ।
सबका साथ सबका विकास,
मूल मंत्र अथाह अपनत्व छोर ।
हर कदम, दिव्य भव्य राष्ट्र निर्माण की ओर ।।

सकारात्मक सोच अथक परिश्रम,
हर क्षेत्र सफलता पर्याय ।
विज्ञान प्रौद्योगिकी रक्षा सह,
परा विरासत समृद्धि प्रदाय ।
पुनः प्रतिष्ठित विश्व गुरु छवि,
संचेतना सबल नेतृत्व भोर ।
हर कदम, दिव्य भव्य राष्ट्र निर्माण की ओर ।।

योजना क्रियान्वन पारदर्शिता,
सर्वत्र अनूप सुशासन झलक ।
विचार तरंगिनी सात्विक प्रवाह,
सदा दर्शित नवाचारी ललक ।
स्वप्न ओजस्वी विकसित राष्ट्र ,
हिंद स्वाभिमान नित शीर्ष ठोर ।
हर कदम, दिव्य भव्य राष्ट्र निर्माण की ओर ।।

कुमार महेन्द्र
(स्वरचित मौलिक रचना)
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