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बिखरे परिवार को समेटा ह्यूमन राइट्स डिफेंडर

बिखरे परिवार को समेटा ह्यूमन राइट्स डिफेंडर

दिव्य रश्मि के उपसम्पादक जितेन्द्र कुमार सिन्हा की कलम से |

वैशाली जिला कंचनपुर निवासी उमा शंकर सिंह के पुत्र संतोष कुमार की पत्नी अपने दो बच्चों के साथ सारे गहने, सामान और नगद राशि लेकर पति की अनुपस्थिति में मायके चली गई और वापस नहीं आने की बात कहने लगी। ऐसी स्थिति में ह्यूमन राइट्स डिफेंडर की टीम ने पहल कर मामला को सुलझाया और बिखरे परिवार को एक जगह समेट दिया।

ह्यूमन राइट्स डिफेंडर में कंचनपुर पोस्ट राजसन थाना बिदुपुर वैशाली के निवासी उमाशंकर सिंह के पुत्र संतोष कुमार सिंह आवेदन देकर सूचित किया कि उनकी पत्नी रूबी कुमारी जो चेचर कुतुबपुर थाना बिदुपुर जिला वैशाली के निवासी सकलदेव राय की पुत्री हैं। वह
अपने सारे गहने और सामान पैसा नगद पैसा अपने दोनों बच्चों को लेकर उसके ना रहने पर घर से अपने मायके भाग गई, वापस ना आने और दूसरी शादी कर लेने की धमकी दी। पति संतोष कुमार को मरवाने की भी धमकी दी। इस तरह का आरोप लगाया गया था।

ह्यूमन राइट्स डिफेंडर ने संतोष कुमार के आवेदन पर संज्ञान में लेते हुए, ह्यूमन राइट्स डिफेंडर के वैशाली जिला अध्यक्ष ज्योति कुमार, ह्यूमन राइट्स डिफेंडर के संस्थापिका पूजा सिन्हा, उप संस्थापिका एवं एससी एसटी की अध्यक्ष आशा देवी, राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेन्द्र कुमार सिन्हा और वैशाली जिला के सक्रिय सदस्य राज किशोर कुमार एवं अरविंद कुमार झा ने बिदुपुर थाना को सूचित कर और उनकी अनुमति के साथ गश्ती दल को लेकर पीड़ित संतोष कुमार की पत्नी रूबी कुमारी के मायके के घर पहुंची।

ह्यूमन राइट्स डिफेंडर की संस्थापिका पूजा सिन्हा ने लड़की रूबी कुमारी की मां को अपने तरीके से समझाया। उसके बाद रूबी कुमारी की सारी बातें सुनी और उनकी कठिनाइयों को बिंदुवार तरीके से स्थिरता के साथ काफी देर तक समझाई।


संस्थापिका पूजा सिन्हा के समझाने पर संतोष कुमार की पत्नी रूबी कुमारी ने सभी बातों को गहराई से समझी और बिना किसी दबाव के अपने स्वेच्छा से अपने घर गृहस्ती को बसाने की बात पर सहमती लिखित रूप से दी। वहीं रूबी कुमारी के पति संतोष कुमार ने भी ह्यूमन राइट्स डिफेंडर को लिखित रूप में दिया कि वे अपनी पत्नी रूबी कुमारी को अपने घर सम्मानपूर्वक रखेगा।


ह्यूमन राइट्स डिफेंडर की इस पहल पर रूबी कुमारी ने बिदुपुर थाना गस्ती और वहां के स्थानीय निवासियों के समक्ष अपनी स्वेच्छा से तैयार होकर दोनों बच्चों को लेकर अपने पति संतोष कुमार के साथ घर वापस चली आई।


ह्यूमन राइट्स डिफेंडर की इस पहल पर लड़के के गांव की स्थानीय निवासी और लड़की पक्ष के स्थानीय निवासी ने भूरी भूरी प्रसंशा की।

ह्यूमन राइट्स डिफेंडर संस्था असहायों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहती है और संस्था निः शुल्क स्वास्थ्य शिविर, संगीत, पौधा वितरण, पौधा रोपण, पठन पाठन जैसे कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित करता है और इस आयोजन से समाज के गरीब तबके तक के लोगों को लाभान्वित करते हैं।
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