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"कीमत और मूल्य: एक गहरा अंतर"

"कीमत और मूल्य: एक गहरा अंतर"

"आज़ लोग हर चीज़ की कीमत तो जानते हैं, लेकिन किसी चीज़ का मूल्य नहीं।" आज का युग भौतिकवाद का युग है। हम हर चीज़ की कीमत जानने में मग्न हैं। एक नया स्मार्टफोन, एक लग्जरी कार, एक महंगा घड़ी - इन सबकी कीमतें हमारी उंगलियों पर हैं। लेकिन क्या हमने कभी सोचा है कि इन चीज़ों का हमारा जीवन में क्या मूल्य है?


यह उद्धरण हमें एक गहरा प्रश्न करता है। हमारी जिंदगी में असली मूल्य क्या है? क्या यह उन भौतिक वस्तुओं में है जिन्हें हम खरीदते हैं, या फिर उन रिश्तों, अनुभवों और क्षणों में है जो हम बनाते हैं?


भौतिकवाद का नुकसान : भौतिकवाद हमें एक खालीपन की ओर ले जाता है। हम जितना अधिक चाहते हैं, उतना ही अधिक हमें लगता है कि हमारे पास कुछ कम है। यह एक अनंत चक्र है जो हमें कभी खुश नहीं कर सकता।


सच्चा मूल्य क्या है : सच्चा मूल्य उन चीज़ों में है जो हमारी आत्मा को पोषित करती हैं। यह उन रिश्तों में है जो हम अपने प्रियजनों के साथ बनाते हैं, उन अनुभवों में है जो हमें खुश करते हैं, और उन क्षणों में है जो हम हमेशा याद रखेंगे।


मूल्यों को प्राथमिकता देना : हमें अपने जीवन में मूल्यों को प्राथमिकता देनी चाहिए। हमें भौतिक चीज़ों के पीछे भागने के बजाय, उन चीज़ों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जो वास्तव में मायने रखती हैं।


यह उद्धरण हमें याद दिलाता है कि जीवन केवल भौतिक वस्तुओं के बारे में नहीं है। यह उन अनुभवों और रिश्तों के बारे में है जो हम बनाते हैं। जब हम अपने जीवन में मूल्यों को प्राथमिकता देते हैं, तो हम सच्ची खुशी और संतुष्टि पा सकते हैं।


आइए हम सभी अपने जीवन में मूल्यों को पहचानें और उनका सम्मान करें।


. "सनातन"
(एक सोच , प्रेरणा और संस्कार) पंकज शर्मा (कमल सनातनी)
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