हमारी सुरक्षा की छतरी को बचाने का संकल्प

हमारी सुरक्षा की छतरी को बचाने का संकल्प

मुजफ्फरपुर ( बिहार ) । विश्व ओजोन दिवस के अवसर पर पटना दूरदर्शन कक्ष में 16 सितंबर को पुस्तक का विमोचन किया गया । साहित्यकार व इतिहासकार सात्येन्द्र कुमार पाठक ने कहा कि विश्व ओजन दिवस हमें पृथ्वी की सुरक्षा की छतरी कहे जाने वाले ओजोन परत के महत्व को याद दिलाता है। ओजोन परत सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणों से हमारी रक्षा करती है और जीवन के लिए आवश्यक है । पिछले कुछ दशकों में, ओजोन परत में क्षरण एक गंभीर समस्या बन गई थी। क्लोरोफ्लोरोकार्बन और अन्य हानिकारक रसायनों के उत्सर्जन के कारण ओजोन परत में छिद्र होने से त्वचा का कैंसर, मोतियाबिंद और फसलों को नुकसान जैसी कई समस्याएं पैदा हुई थीं। ओजोन परत के क्षरण को रोकने के लिए 1987 में मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए गए थे। इस प्रोटोकॉल के तहत, दुनिया भर के देशों ने ओजोन परत को नुकसान पहुंचाने वाले रसायनों के उत्पादन और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया। इस प्रयास के परिणामस्वरूप, ओजोन परत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है और ओजोन छिद्र भी छोटा हो रहा है। स्वंर्णिम कला केंद्र की अध्यक्षा सह अवध दूत मुजफरपुर डिस्ट्रिक्ट व्यूरो चीफ डॉ . उषाकिरण श्रीवास्तव ने कहा कि पर्यावरण अनुकूल उत्पादों का उपयोग करें: ऐसे उत्पादों का उपयोग करें जो ओजोन परत को नुकसान नही पहुंचाएं। पेड़ लगाएं: पेड़ कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करते हैं और ऑक्सीजन छोड़ते हैं, जो ओजोन परत के लिए फायदेमंद है। इस अवसर पर मेरी कलम मेरे जज्बात , अभिस्मरण अभिनंदन ग्रंथ , डॉ. उषाकिरण श्रीवास्तव की पुस्तक बज्जिका के सोलह संस्कार गीत , सात्येन्द्र कुमार पाठक की पुस्तक मगध क्षेत्र की विरासत का लोकार्पण किया गया । लोकार्पण समारोह में डॉ. मीना परिहार , हेमा सिंह , रविन्द्र कुमार रतन , मणिभूषण सिंह , दूरदर्शन पटना के कार्यक्रम पदाधिकारी राकेश कुमार ने पुस्तक एवं ओजोन की आवश्यकता पर विचार प्रकट किया ।
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