था महज संजोग मिलना,
फिर बिछड़ना एक दिन।
साथ चलकर रास्तों से,
दूर होना एक दिन ।।
कितनी यादें साथ उनके,
साथ साझा रात दिन।
और उनसे मिल न पाना,
बेबसी फिर रात दिन।।
जाओ अपने नए सफर में,
ये दुआ है रात दिन।
तुम कभी मत याद करना,
वो फसाना रात दिन ।।
नवीन कुमार (हिंदी शिक्षक),
प्रभारी, +2 उच्च विद्यालय ओकरी
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com