था महज संजोग मिलना,

था महज संजोग मिलना,


फिर बिछड़ना एक दिन।

साथ चलकर रास्तों से,

दूर होना एक दिन ।।

कितनी यादें साथ उनके,

साथ साझा रात दिन।

और उनसे मिल न पाना,

बेबसी फिर रात दिन।।

जाओ अपने नए सफर में,

ये दुआ है रात दिन।

तुम कभी मत याद करना,

वो फसाना रात दिन ।।



नवीन कुमार (हिंदी शिक्षक),
प्रभारी, +2 उच्च विद्यालय ओकरी
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