Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

वक्त ने मिटा दिया

वक्त ने मिटा दिया

दास्ताने ए जिंदगी की 
वक्त ने बदल दी धीरे-धीरे। 
आशियाना मिटा दिया है
वक्त ने देखो धीरे-धीरे। 
थी मोहब्बत जिससे हमें
वक्त ने भूला दिया धीरे-धीरे। 
वक्त को हम समझ न सके
इसलिए भूला दिया धीरे धीरे।। 

वक्त के चलते तुम देखो 
कितने बाग उजड़ गये। 
वक्त के कारण ही देखो
घर-संसार उजड़ गये। 
कर सके न कद्र वक्त की 
इसलिए बेसहारा हो गये। 
खो दिया सम्मान अपना
वक्त के चक्र में फसके।। 

वक्त ने दिखा दिया 
अपना प्रभाव सभी को। 
पाना है ख्याति तुम्हें तो
कद्र करना सीख लो। 
जिंदगी के पहलूओं को
वक्त से जोड़ना शुरू करो। 
खुल जायेगी किस्मत तेरी
यदि वक्त साथ दे जायेगा।। 

जय जिनेंद्र 

संजय जैन "बीना" मुंबई
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ