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जीवन का शतरंज: ईश्वर के साथ एक अनंत खेल

जीवन का शतरंज: ईश्वर के साथ एक अनंत खेल

उपरोक्त पंक्तियाँ जीवन के एक गहन सत्य को उजागर करती हैं। हम सभी जीवन के इस विशाल शतरंज खेल में खिलाड़ी हैं, जहां हर कदम हमारी पसंद और ईश्वर के परिणामों के बीच एक नाजुक संतुलन है।

"पसंद: हमारी चाल"

हमारे जीवन में हर निर्णय, हर कदम एक चाल है। हम चुनते हैं कि हम किस रास्ते पर चलेंगे, किससे मिलेंगे, क्या करेंगे। ये चुनाव हमारी पसंद हैं। ये हमारी इच्छाशक्ति, हमारे ज्ञान और हमारे अनुभवों का परिणाम होती हैं। हमारी हर पसंद हमारे भविष्य को आकार देती है।

"परिणाम: ईश्वर की चाल"


लेकिन, जीवन में केवल हमारी पसंद ही नहीं होती। हर पसंद का एक परिणाम होता है। ये परिणाम हमारे नियंत्रण से बाहर हो सकते हैं। ये ईश्वर की चाल हैं। ये प्रकृति के नियम, अज्ञात परिस्थितियां, और जीवन के अप्रत्याशित मोड़ हो सकते हैं।

"एक सामंजस्यपूर्ण खेल"

जीवन का यह खेल एक सामंजस्यपूर्ण खेल है। हमारी पसंद और ईश्वर के परिणाम एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। हमारी बुद्धिमानी से ली गई पसंद हमें सफलता की ओर ले जा सकती है, जबकि गलत पसंद हमें असफलता की ओर धकेल सकती है। लेकिन, हमें यह भी याद रखना चाहिए कि ईश्वर की चाल भी हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। कभी-कभी, हमारी योजनाओं के बावजूद, जीवन हमें एक अलग रास्ते पर ले जा सकता है।

"कैसे खेलें यह शतरंज"

इस शतरंज के खेल को जीतने का कोई एक निश्चित तरीका नहीं है। लेकिन, हम कुछ बातें कर सकते हैं :-

  • 1) सचेत रहें : हर कदम को सोच-समझकर उठाएं।
  • 2) लचीले रहें : जीवन के अप्रत्याशित मोड़ों के लिए तैयार रहें।
  • 3) विश्वास रखें : ईश्वर पर विश्वास रखें और अपने जीवन पर उनका भरोसा रखें।
  • 4) आनंद लें: जीवन के हर पल का आनंद लें।


जीवन का यह शतरंज का खेल हमें सिखाता है कि हम अपने जीवन के कप्तान हैं, लेकिन हम एक बड़े खेल के हिस्सा भी हैं। यह हमें सिखाता है कि हमें अपनी पसंद के लिए जिम्मेदार होना चाहिए, लेकिन साथ ही हमें ईश्वर के परिणामों को भी स्वीकार करना चाहिए। यह हमें सिखाता है कि जीवन एक यात्रा है, एक सीखने का अनुभव है।

तो चलिए, इस शतरंज के खेल को खेलते रहें, हर कदम को एक चुनौती के रूप में लेते हुए और जीवन के हर पल का आनंद लेते हुए।


. "सनातन"
(एक सोच , प्रेरणा और संस्कार) 
 पंकज शर्मा 
(कमल सनातनी)
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