Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

शारदीय नवरात्र चतुर्थ,अद्भुत अनुपम विशेष

शारदीय नवरात्र चतुर्थ,अद्भुत अनुपम विशेष

चतुर्थ नवरात्र अहम आभा,
सर्वत्र भक्ति शक्ति वंदना ।
असीम उपासना स्तुति आह्लाद,
दर्शन आदर सत्कार अंगना ।
अनंत नमन मां मंद मुस्कान,
त्रिलोक आलोक दर्शित अधिशेष ।
शारदीय नवरात्र चतुर्थ,अद्भुत अनुपम विशेष ।।

अनूप छवि अष्ट भुजाधारी,
रज रज ओज प्रसरण।
भक्तजन अलौकिक स्पर्शन,
तन मन कांति संचरण ।
सौर मंडल अधिष्ठात्री मां,
पटाक्षेप सघन तिमिर द्वेष ।
शारदीय नवरात्र चतुर्थ,अद्भुत अनुपम विशेष ।।

वनराजारूढ़ अक्षय फलदायिनी,
मां रूप भव्य श्रृंगार निराला ।
कर कमंडल धनुष बाण कमल चक्र गदा,
अमृत कलश सिद्धि निधि जपमाला ।
सुख सौभाग्य कृपालु मैया,
दूर सर्व दुःख कष्ट संकट निमेष ।
शारदीय नवरात्र चतुर्थ,अद्भुत अनुपम विशेष ।।

सृष्टि रचना महाकाज,
त्रिदेव अप्रतिम सहयोग ।
हरित वर्ण अति प्रिया मां ,
चाहना कुम्हड़ बलि योग ।
दैहिक दैविक भौतिक ताप मुक्ति,
मां आदि शक्ति दर्शन उन्मेष ।
शारदीय नवरात्र चतुर्थ,अद्भुत अनुपम विशेष ।।

* कुमार महेन्द्र*
(स्वरचित मौलिक रचना)
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ