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दीपावली भाईदूज गोवर्धन पूजा

दीपावली भाईदूज गोवर्धन पूजा

लेकर खुशियों का हार ,
आया दीपावली त्यौहार ।
यह त्रिदिवसीय है शृंगार ,
लाई खुशियाॅं हैं अपार ।।
प्रथम दिवस है धनतेरस ,
जैसा चाहो करो बाजार ।
सोना चाॅंदी बर्तन खरीदो ,
या ख़रीदो माता शृंगार ।।
द्वितीय दिवस यम दीया ,
खा पीकर बाहर निकाल ।
आदर स्नेह प्रेम कर लो ,
ईर्ष्या लोभ मन न पाल ।।
तृतीय दिवस दीपावली ,
हर्षोल्लास का है त्यौहार ।
खुशी मना पटाखे छोड़ो ,
लक्ष्मी पूजा करो तैयार ।।
चतुर्थ दिवस यह पावन ,
भाई बहन का है त्यौहार ।
भाई दूज गोवर्धन पूजा ,
भाई बहन हैं सदा तैयार ।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
अरुण दिव्यांश
डुमरी अड्डा
छपरा ( सारण )बिहार ।
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