आज दिवाली आई रे
दीप जलाओ दीप जलाओ ,आज दिवाली आई रे ।
ईर्ष्या लोभ मन से भगाओ ,
मिलो गले कह भाई रे ।।
मिट्टी का ही दीप लो तुम ,
कुम्हार को दो हर्षाई रे ।
पास पड़ोस न रहे भूखा ,
भोजन दो खिलाई रे ।।
कर लो घर साफ सफाई
अंतर्मन करो सफाई रे ।
मन के मैल तुम मिटा लो ,
घर बजाओ शहनाई रे ।।
आजु बाजु सफाई करो ,
हर्षित गीत तुम गाई रे ।
हर्षित हों सब आजु बाजु ,
माॅं लक्ष्मी उर बसाई रे ।।
हर्षित हो खा लो गा लो ,
आजु बाजु रख हॅंसाई रे ।
मिले दुआऍं आजु बाजु ,
स्वत: आऍं लक्ष्मी माई रे ।।
दिवाली दि वाली दिवा ली ,
दीपावली आज आई रे ।
दीप जलाओ दीप जलाओ ,
आज दिवाली आई रे ।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
अरुण दिव्यांश
डुमरी अड्डा
छपरा ( सारण )बिहार ।
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