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नवरात्रि के अवसर पर 'शब्दवीणा' नवादा जिला समिति द्वारा काव्य अनुष्ठान का हुआ आयोजन

नवरात्रि के अवसर पर 'शब्दवीणा' नवादा जिला समिति द्वारा काव्य अनुष्ठान का हुआ आयोजन

  • नवादा जिले में 'शब्दवीणा' की साहित्यिक एवं सांस्कृतिक यात्रा का प्रारंभ होना हर्ष एवं गौरव का विषय: डॉ. रश्मि

नवादा। राष्ट्रीय साहित्यिक-सह-सांस्कृतिक संस्था 'शब्दवीणा' की नवादा जिला समिति ने रविवार को अपनी कार्यकारिणी की पहली बैठक एवं कवि गोष्ठी आयोजित की। महापर्व नवरात्रि के अवसर पर 'शब्दवीणा' की नवादा जिला समिति (बिहार प्रदेश) के तत्वावधान में "शब्दवीणा काव्य अनुष्ठान" का आयोजन हुआ। प्रथम सत्र में संस्था की मजबूती एवं सांगठनिक विस्तार पर चर्चा हुई। दूसरे सत्र में काव्य अनुष्ठान हुआ, जिसमें शब्दवीणा बिहार प्रदेश प्रचार मंत्री एवं शब्दवीणा नवादा जिला अध्यक्ष डॉ. गोपाल निर्दोष, उपाध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार डॉ ब्रह्मानंद विश्वकर्मा, सचिव अरुण कुमार वर्मा, कोषाध्यक्ष संतोष कुमार, साहित्य मंत्री डॉ. विनीता प्रिया, प्रचार मंत्री शफीक जानी नादां, गुलाम सरवर, राधा रानी एवं अन्य कवि-कवयित्रियों ने नवरात्रि पर रचित कविताएँ पढ़कर खूब वाहवाहियाँ एवं तालियाँ बटोरीं। राधा रानी की कविता 'क्यों प्रश्न चिह्न बन जाती हूँ' में नारी हृदय में बसी पीड़ा का मार्मिक चित्रण था। अरुण कुमार वर्मा ने 'वर्षों बाद जब मैं अपने गाँव आया' पंक्तियों द्वारा गाँव की यादों को साझा किया। सुबोध कुमार ने छब्बीस वर्ष पूर्व लिखी पहली कविता 'क्या इंसान ही शैतान है? का पाठ करके लोगों के अंतर्मन को झकझोर दिया। डॉ. ब्रह्मानंद विश्वकर्मा की व्यंग्य रचना "मेरा भी बयान लो" को खूब सराहना मिली। संतोष कुमार ने "एक बैसाखी इधर भी लाओ' कविता पढ़ी, तो शायर गुलाम सरवर ने 'दिल से खेल ली' एवं 'बिंदिया'। उनके ग़ज़लों ने समां बाँध डाली। शायर शफ़ीक जानी नादां ने अपनी ग़ज़ल 'हम तो सहरा में भी गुलशन का मजा लेते हैं' से सभी का दिल जीत लिया। डॉ. विनीता प्रिया ने नवरात्रि पर बेटियों को समर्पित काव्य रचना की प्रस्तुति दी। डॉ. गोपाल निर्दोष ने बड़ों की अपेक्षा बच्चों को अधिक मासूम और निर्दोष बताते हुए 'तभी हमलोग अच्छे थे' एवं 'मैं और मेरे बाबा' कविता का पाठ किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता शब्दवीणा नवादा जिला उपाध्यक्ष डॉ. ब्रह्मानंद विश्वकर्मा ने की, जबकि मंच संचालन डॉ. विनीता प्रिया ने किया। कार्यक्रम के अॉनलाइन प्रसारण में दीन दयाल वर्मा की प्रमुख भूमिका रही। कार्यक्रम के मुख्य संयोजक डॉ. गोपाल निर्दोष ने स्वागत तथा धन्यवाद ज्ञापन किया।

कार्यक्रम का सीधा प्रसारण शब्दवीणा केन्द्रीय पेज से हुआ, जिससे गया से शब्दवीणा की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. रश्मि प्रियदर्शनी, कन्हैया लाल मेहरवार, नंद किशोर गुप्ता, पी. के. मोहन, डॉ रवि प्रकाश, डॉ वीरेंद्र कुमार, पंकज मिश्र, उत्तराखंड से शब्दवीणा के राष्ट्रीय सचिव महावीर सिंह वीर, कानपुर उत्तर प्रदेश से अनुराग सैनी मुकुंद, अनुराग दीक्षित, मथुरा से रामदेव राही, पटना से राष्ट्रीय उपसचिव राजमणि मिश्र, छत्तीसगढ़ से आशा मेहर किरण, गुजरात से नंद किशोर जोशी, गिरीश गुप्ता, ममता भक्कड़, पश्चिम बंगाल से कमल पुरोहित अपरिचित, रामनाथ बेखबर, हीरालाल साव, रामपुकार सिंह, पुरुषोत्तम तिवारी, दया शंकर मिश्र, झारखंड से प्रो. रामनंदन सिंह, कर्नाटक से अजीत अग्रवाल, दिल्ली, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, गोवा, मध्य प्रदेश आदि अन्य जिलों एवं प्रदेशों से जुड़े साहित्यानुरागी दर्शकों ने नवादा के रचनाकारों का अपनी टिप्पणियों द्वारा उत्साहवर्द्धन किया। शब्दवीणा की संस्थापक-राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. रश्मि प्रियदर्शनी ने शब्दवीणा नवादा जिला समिति द्वारा आयोजित इस काव्य गोष्ठी को अविस्मरणीय बताते हुए कहा कि इस आयोजन से नवादा जिले में शब्दवीणा की साहित्यिक एवं सांस्कृतिक यात्रा प्रारंभ हो गयी है, जो समस्त शब्दवीणा परिवार के लिए हर्ष एवं गौरव का विषय है। शब्दवीणा बिहार प्रदेश संरक्षक प्रो. सुबोध कुमार झा एवं प्रदेश अध्यक्ष डॉ वीरेन्द्र कुमार ने डॉ गोपाल निर्दोष एवं शब्दवीणा नवादा जिला समिति के सभी पदाधिकारियों एवं रचनाकारों को काव्य अनुष्ठान के सफल आयोजन हेतु हार्दिक शुभकामनाएं दीं।
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