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तुम हीं थे अपने देश के लाल

तुम हीं थे अपने देश के लाल

शत-शत नमन हे मेरे जय जवान,
तुम ही थे अपनी देश की शान,
पद भी तेरे छोटे पड़ते थे,
तेरा कद था बड़ा महान।
शत-शत नमन हे... ।

तुम हीं थे अपने देश के लाल,
ऊँचा किया भारत का भाल,
त्याग दिया था रेलमंत्री पद को,
बढ़ायी देश की गरिमा,मान।
शत-शत नमन हे... ।

तुम हीं थे नाम,काम से बहादुर,
देश के लिए कुछ करने को आतुर,
देकर जय जवान जय किसान का नारा,
बनायी जग में एक अलग पहचान।
शत-शत नमन हे...।

तुम हीं थे देश के शास्त्री,
तुम हीं थे गाँधी के सह यात्री,
कैसे भूल पायेगा यह देश तुझे,
किया तुने देश का कल्याण।
शत-शत नमन हे...।

नहीं हो सकता सभी तुम सा संतान,
जिसने दे दी देश के लिए जान,
तुने जवानों का उत्साह बढ़ाया,
बढ़ाया किसानों का आदर-मान।
शत-शत नमन हे...।
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 अरविन्द अकेला,
पूर्वी रामकृष्ण नगर,पटना-27
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