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मां विंध्यवासिनी

मां विंध्यवासिनी

कृपा करो मां विंध्यवासिनी,
मार्गदर्शन करो मां कात्यायनी।
तेरी कृपा जिसपर हो जाए,
बंद किस्मत उसकी खुल जाए।


ज्ञान की ज्योति प्रज्ज्वलित कर,
अज्ञानरुपीअंधकार मिटा दो मां।
हर लो सबकी कुमति तू ,
सुमति सब में भर दो माँ।,


करो निवास मन मंदिर में मेरे,
हार्दिक इच्छा मेरी है मां ।
रहूं तेरी चरण - कमलों में,
विनती मेरी तुम से है मां।


ज्ञान की तू भंडार है मां,
भक्तों से करती प्यार तू मां।
मन से जो करते तेरी भक्ति,
उन भक्तों को देती तू शक्ति।


नीर - क्षीर विवेकी बनने की,
दे दो मुझे शक्ति तुम मां।
करूं सेवा नि: स्वार्थ भाव से,
ज्ञान मुझे ऐसी दो मां।

⇒ सुरेन्द्र कुमार रंजन
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