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स्वास्थ्य , सेहत , आरोग्य

स्वास्थ्य , सेहत , आरोग्य 

स्वास्थ्य के होते तीन सूत्र , 
आराधना बाॅंधना साधना ।
तीनों सार्थक हैं योग रूप ,
दूर रहता तन से व्याधना ।।
नित्य प्रात करो आराधना ,
परम कृपालु भगवान की ।
देव देवी की कर आराधना ,
या स्व अंतरात्मा ज्ञान की ।।
दूसरा सूत्र तन को बाॅंधना ,
मन मस्तिष्क निर्मल करो ।
तन मन ये बॅंध जाएगा तेरा ,
इंद्रियों को तुम वश में करो।।
शांतचित्त मुद्रा में तुम बैठो ,
ईश में तुम ध्यान लगाओ ।
मन की तुम चलने न देना ,
स्वास्थ्य वृद्धि निरंतर पाओ ।।
ईश से तेरा प्यार ये बढ़ेगा ,
दुःख क्लेश मिट जाएगा ।
बरसेगी तब ईश की कृपा ,
तुम दीर्घायु भी बन जाएगा ।।
आराधना बाॅंधना साधना में ,
मन मस्तिष्क को बाॅंध लो ।
बुद्धि भी तेरा होगा ये तीव्र ,
जब तन मन तुम साध लो ।।
पूर्णतः मौलिक एवं 
अप्रकाशित रचना 
अरुण दिव्यांश 
डुमरी अड्डा 
छपरा ( सारण )
बिहार ।
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