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कृष्ण मृग,गुरु जम्भेश्वर अवतार

कृष्ण मृग,गुरु जम्भेश्वर अवतार

काला हिरण भारतीय एंटीलॉप,
अद्भुत अनुपम अन्य नाम ।
बहुतायत घास भूमि क्षेत्र,
शुभ मंगल पुनीत धाम ।
संचलन सानिध्य कृष्ण रथ,
दर्शन अठखेलियां आनंद अपार ।
कृष्ण मृग, गुरु जम्भेश्वर अवतार ।।


हरियाणा पंजाब आंध्र प्रदेश,
राज्य पशु पदवी अनूप ।
विश्नोई समाज स्नेहिल संरक्षण,
सुख समृद्धि वैभव भूप ।
संबंध अंतर अपनत्व अथाह ,
निज संतति सम प्रेम दुलार ।
कृष्ण मृग,गुरु जम्भेश्वर अवतार ।।


तन मन सौष्ठव अनुपम,
चुस्ती फुर्ती मनमोहक ।
शुद्ध शाकाहारी आहार,
अन्य प्राणी सह भाव रोहक ।
प्रकृति उत्संग दिव्य उपमा ,
पर खुशियां जीवन आधार ।
कृष्ण मृग,गुरु जम्भेश्वर अवतार ।।


अप्रतिम उन्नतीस नियम,
सदा निर्वहन विश्नोई समाज ।
वन वन्य प्राणी उपासना सह ,
कृष्ण मृग सेवा रक्षा काज ।
मातृ बिछोह पर विश्नोई माताएं,
प्रदत्त निज स्तन्य अमिय धार ।
कृष्ण मृग, गुरु जम्भेश्वर अवतार ।।


कुमार महेंद्र(स्वरचित मौलिक रचना)
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