छठी मइया
शहर छोड़ अब गाँव में आईं।बुलावत बाड़ी छठी माई।।
घर में तोहार माई अकेले बाड़ी।
करत बाड़ी छठ के तैयारी।।
गिनती के दिन चार बचल बा।
छठी मइया के ब्रत रचल बा।।
माई अकेले कइसे करी हें।
अरघ कोसी कइसे भरीहें।।
के उनकर गेहूँ पिसवाई।
के जाके फल फुल ले आई।।
दौरा सूप से बाजार भरल बा।
आने वाला शहर में पड़ल बा।।
शहर छोड़ तूं घर पर आ जा।
माई के तूं साथ निभाजा।।
देरी होई त सामान के लेआई।
दौरा घाट पर के पहुंचाई।।
साल भर त शहर में रहल।
ठीक ठाक बानी मां से कहल।।
छठ पर्व पर गाँव घर आजा।
माई के दूध के फरज निभाजा।।
बड़ा कठिन इ छठ बरत ह।
चार दिन कष्ट ब्रती सहत ह।।
तोहरे भला खातिर,
छठ ब्रत करे जाता री तोहार माई।
शहर छोड़ शीघ्र गाँव में आईं।
तोह के बुलावत बाड़ी छठी माई।।
जय प्रकाश कुवंर
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com