Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

नवंबर 2024 के कुछ महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार

नवंबर 2024 के कुछ महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार

हर हर महादेव!!
मैं अब सबको और आप सबके हृदय में विराजमान ईश्वर को प्रणाम करता हूं और धन्यवाद करता हूं। अंग्रेजी महीने का नवंबर महीना भारतीय पंचांग श्री विक्रम संवत के अनुसार कार्तिक और मार्गशीर्ष का संयुक्त महीना होता है। इस वर्ष सन 2024 ईस्वी में 18 अक्टूबर 2024 से कार्तिक महीने का प्रारंभ हुआ है जो 15 नवंबर 2024 तक रहेगा। 16 नवंबर 2024 से मार्गशीर्ष माह आरंभ होगा। जिसे आम बोलचाल की भाषा में अगहन का महीना कहा जाता है। कार्तिक माह में कई प्रकार के व्रत और त्योहार होते हैं। जिसमें सबसे प्रमुख त्यौहार होता है दीपावली का त्योहार, धन्वंतरी भगवान की जयंती धनतेरस का त्यौहार। बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश का लोक प्रसिद्ध व्रत छठ का त्यौहार भी इस महीने की शान कहा जाता है। साथ में कार्तिक महीने में देवोत्थान एकादशी, तुलसी विवाह, देव दिवाली इत्यादि भी मनाया जाते हैं और इसके साथ ही कार्तिक माह की एकादशी को चातुर्मास समाप्त हो जाता है। अर्थात् भगवान विष्णु योग निद्रा से बाहर आते हैं और सृष्टि का कार्यभार संभाल लेते हैं। कार्तिक महीना भगवान श्री कार्तिकेय जी को समर्पित होता है और मार्गशीर्ष का महीना माता महालक्ष्मी और भगवान नारायण को समर्पित होता है। कार्तिक माह, कार्तिक माह की अधिपति देवी देवताओं को मार्गशीर्ष माह और मार्गशीर्ष माह के अधिपति देवी देवताओं को नमन करते हुए, प्रणाम करते हुए आईए आरंभ करते हैं कार्तिक और मार्गशीर्ष का संयुक्त महीना अर्थात् नवंबर 2024 के कुछ महत्वपूर्ण व्रत और त्योहारों केबारे में।
2 नवंबर 2024 से 15 नवंबर 2024 के बीच कार्तिक शुक्ल पक्ष होगा। शुक्ल पक्ष में चतुर्दशी तिथि का क्षय हो गया है। जिसके कारण यह पक्ष 15 की जगह 14 दिन का ही होगा। 16 नवंबर 2024 से 1 दिसंबर 2024 के बीच मार्गशीर्ष माह का कृष्ण पक्ष होगा। कृष्ण पक्ष में त्रयोदशी तिथि की वृद्धि हो जाने के कारण यह पक्ष 16 दिन का हो गया है। कृष्ण पक्ष के तीन शनिवार और तीन रविवार होने के कारण इन 15 दिनों में कोई दैवी प्राकृतिक दुर्घटना होने की संभावना बन रही है। देश-विदेश में समुद्री तूफान, भूकंप इत्यादि की संभावना बन रही है।
1 नवंबर शुक्रवार को स्नान दान श्रद्धा की अमावस्या है। जैन समुदाय के श्री महावीर स्वामी का निर्वाण दिवस आज ही है।

3 नवंबर रविवार को भ्रातृ द्वितीया अर्थात् भैया दूज का त्यौहार होगा। काशी में गोवर्धन पूजा मनाई जाएगी। चंद्र दर्शन होगा। आज चित्रगुप्त पूजा है। समस्त प्राणियों कर्मों का लेखा-जोखा रखने वाले भगवान श्री चित्रगुप्त जी की पूजा होगी। कायस्थ समाज धूमधाम से आज के दिन कलम दवात की पूजा करके भगवान चित्रगुप्त की पूजा करते हैं। आज के दिन भाइयों को अपनी बहनों के घर जाकर भोजन करना चाहिए तथा रूपए, पैसे, वस्त्र इत्यादि का उपहार प्रदान करके उनको सम्मानित करना चाहिए। इससे भाइयों की आयु में वृद्धि होती है।

5 नवंबर मंगलवार को वैनायकी श्री गणेश चतुर्थी का व्रत होगा।
आज से बिहार प्रांत का सर्वश्रेष्ठ त्यौहार सूर्य षष्ठी व्रत अर्थात् छठ व्रत आरंभ होगा। आज के दिन स्नान ध्यान और सात्विक भोजन करने की प्रथा है। जिसे ग्रामीण भाषा में नहाए खाए का दिन कहा जाता है।

6 नवंबर बुधवार को छठ व्रत का दूसरा दिन होगा। जिसे बिहार में खरना अथवा लोहंडा के नाम से जाना जाता है। जिसमें सुबह से निर्जला व्रत रखते हुए सूर्यास्त के बाद रात्रि के समय खीर का प्रसाद भोजन के रूप में लिया जाता है। आज लाभ पंचमी भी है। जैन समुदाय का प्रसिद्ध त्योहार ज्ञान पंचमी भी आज ही मनाया जाएगा।

7 नवंबर गुरुवार को छठ व्रत का तीसरा दिन होगा। जो मुख्य रूप से व्रत के रूप में जाना जाता है। आज के दिन सायंकालीन अस्ताचलगामी भुवन भास्कर भगवान श्री सूर्य नारायण को अर्घ्य देकर धूमधाम से पूजन किया जाता है। आज स्कंद षष्ठी भी है। आज के ही दिन भगवान कार्तिकेय का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस छठ व्रत के त्यौहार को बिहार प्रांत में डाला छठ के नाम से भी जाना जाता है।

8 नवंबर शुक्रवार को छठ व्रत का चौथा दिन होगा। आज के दिन सूर्योदय कालीन भुवन भास्कर भगवान श्री सूर्य नारायण को अर्घ्य अर्पित करके छठ व्रत का समापन किया जाता है और व्रत धारण करने वाले व्यक्ति सर्वप्रथम जल ग्रहण करके व्रत का पारण करते हैं। आज जयसवाल समाज के राजा सहस्त्रबाहु अर्थात सहस्त्र अर्जुन का भी जन्मोत्सव मनाया जाएगा।

9 नवंबर शनिवार को गोपाष्टमी है।

10 नवंबर रविवार को अक्षय नवमी का व्रत होगा। आज के दिन आंवला वृक्ष के नीचे स्वादिष्ट पकवान बनाकर ब्राह्मणों को खिलाया जाता है और भोजन दक्षिणा देकर सपरिवार स्वयं आंवला के वृक्ष के नीचे बैठकर भोजन करने से महान पुण्य फल प्राप्त होता है। आज के दिन ब्राह्मणों को दान देने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। आज के दिन भोजन में आंवले का किसी ने किसी रूप में प्रयोग अवश्य किया जाता है।

11 नवंबर सोमवार से भीष्म पंचक आरंभ होगा। आज मथुरा में कंस वध का कार्यक्रम होता है। आज के ही दिन भगवान श्री कृष्ण ने आततायी कंस का वध किया था।

12 नवंबर मंगलवार को श्री हरि प्रबोधिनी एकादशी का व्रत होगा। जिसे दिठवन एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। यह एकादशी व्रत गृहस्थ और वैष्णव दोनों के लिए सर्वमान्य होगा।
आज के ही दिन भगवान विष्णु योग निद्रा से जागृत होकर सृष्टि का कार्यभार पुनः संभालते हैं। आज के दिन तुलसी विवाह का उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है । तुलसी और शालिग्राम का विवाह करने की परंपरा है। आज के दिन गन्ना चूसने का महत्व है। इससे सुख सौभाग्य में वृद्धि होती है। गन्ना चूसने का नियम यह है कि भद्रा के पश्चात ही गन्ने का पूजन करके उसे ग्रहण किया जाता है, उसे चूसा जाता है।आज दिन के 12:26 तक भद्रा रहने के कारण गन्ने का पूजन और गन्ने का सेवन दोपहर 12:30 बजे के बाद किया जाएगा।

13 नवंबर बुधवार को प्रदोष व्रत होगा।

14 नवंबर गुरुवार को बैकुंठ चतुर्दशी होगा। आज के दिन सूर्योदय के समय काशी के मणिकर्णिका घाट पर गंगा स्नान करना अत्यंत पुण्य फलकारी माना जाता है। आज के ही दिन श्री काशी विश्वनाथ जी का स्थापना दिवस बड़े धूमधाम से उत्सव के रूप में मनाया जाता है। पूरे वर्ष भर में केवल आज के ही दिन काशी नगरी में बाबा विश्वनाथ जी को तुलसी का पत्ता चढ़ाया जाता है। यह हर और हरि के एकाकार होने का पर्व है।
आज बाल दिवस है। स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री श्री जवाहरलाल नेहरू का जन्मोत्सव आज मनाया जाता है।

15 नवंबर शुक्रवार को स्नान दान व्रत की कार्तिक पूर्णिमा है। आज सिख समुदाय के नवें गुरु श्री गुरु नानक देव जी का जन्म उत्सव भी मनाया जाता है। सर्वत्र गंगा स्नान करना पुण्य फलदायक माना जाता है। काशी का विश्व प्रसिद्ध हो चुका देव दीपावली का पर्व हर्ष उल्लास एवं काशी के गंगा घाटों सहित संपूर्ण नगर में स्थित देव मंदिरों, सरोवरों पर असंख्य दीप जलाकर मनाया जाएगा। काशी के गंगा घाटों की इस अनुपम एवं अद्वितीय छवि को अपनी आंखों में बसा लेने की कामना से विश्व भर से लोगों का काशी में आगमन होता है।

16 नवंबर शनिवार को कार्तिक व्रत का पारण होगा।

19 नवंबर मंगलवार को अंगारकी संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी का व्रत होगा।

20 नवंबर बुधवार से काशी के अन्नपूर्णेश्वरी माता के निमित्त 16 दिन तक चलने वाला व्रत पूजन श्रृंगार अनुष्ठान आरंभ होगा। इसमें काशी के समीप गांव के किसान धान के फसल की पहली कटाई से धान की बालियों को लाकर माता अन्नपूर्णा को समर्पित करते हैं और प्रसाद स्वरूप इन्हीं बोलियों को वितरित किया जाता है। जिसे किसान आगामी फसल में उन्नत पैदावार की कामना से श्रद्धा स्वरूप ग्रहण कर धान के बीच के लिए संचित करते हैं।

21 नवंबर गुरुवार को काशी के समीप प्रसिद्ध रामेश्वर तीर्थ में लोटा भंटा मेला लगेगा। इसमें भगवान राम द्वारा पूजित स्थापित रामेश्वर महादेव के मंदिर में विधिवत पूजन कर बाटी चोखा बनाकर श्रद्धा स्वरूप ग्रहण करने की प्राचीन परंपरा का निर्वाह करते हुए उत्सव मनाया जाएगा।

23 नवंबर शनिवार को श्री काल भैरव अष्टमी का व्रत होगा। आज के दिन भगवान काल भैरव का जन्मोत्सव मनाया जाता है। देश भर में सर्वत्र एवं काशी के कोतवाल तथा सुरक्षा पदाधिकारी श्री काल भैरव मंदिर एवं कामाख्या स्थित बटुक भैरव मंदिर सहित काशी के अआठों भैरव मंदिरों में कालाष्टमी काल भैरव जयंती मनाई जाएगी। शास्त्रों में कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति जीवन में किसी भी प्रकार का पाप किया हो तो आज के दिन काल भैरव जी के दर्शन मात्र करने से निम्न स्तर के पाप समाप्त हो जाते हैं।


26 नंबर मंगलवार को उत्पन्ना एकादशी का व्रत गृहस्थ और वैष्णव दोनों के लिए सर्वमान्य होगा।

28 नवंबर गुरुवार को प्रदोष व्रत होगा।

29 नवंबर शुक्रवार को मासिक शिवरात्रि का व्रत होगा।

30 नवंबर शनिवार को स्नान दान श्रद्धा की अमावस्या होगी।

विशेष टिप्पणी:
बादल की चाल के साथ शीत वायु का प्रकोप बढ़ेगा। मध्य भारत में वायु वेग से परेशानी बढ़ेगी। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में वर्षा होने की संभावना रहेगी। धीरे-धीरे उत्तर भारत में ठंड का असर बढ़ेगा। अनाजों में मंदी रहेगी। गुड़, शक्कर, चीनी, घी आदि रस पदार्थों में तथा काजू, बादाम, किशमिश में मूल्य वृद्धि होगी। सोना चांदी के मूल्य में भी तेजी बनी रहेगी।
6 नवंबर बुधवार की रात 9:38 पर भगवान सूर्य विशाखा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। जिससे नशीले पदार्थ के मूल्यों में वृद्धि होगी और दक्षिण भारत में कुछ अप्रिय घटनाएं घट सकती हैं।
16 नवंबर शनिवार की रात 7:36 पर भगवान सूर्य तुला राशि को छोड़कर वृश्चिक राशि में प्रवेश कर जाएंगे। अतः विवाह आदि शुभ कार्यों का मुहूर्त आरंभ हो जाएगा। समाज एवं व्यवसाय जगत में चहल-पहल बढ़ जाएगी। 19 नवंबर मंगलवार की रात 2:34 पर भगवान सूर्य अनुराधा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे जिसके कारण 29 नवंबर के आसपास हल्की बरसात होने की संभावना है।
इति शुभमस्तु!!कल्याणमस्तु!!
लेखक: रवि शेखर सिन्हा उर्फ आचार्य मनमोहन। ज्योतिष मार्तंड एवं जन्म कुंडली विशेषज्ञ।

हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ