ये रूह तडपती है
(अवध किशोर मिश्र) ये रुह तड़पती है, ये सांस तडपती है
हर साँस के हर पल में-हर शाम तड़पती है
बापू कहाँ तुम हो क्यों सोए दयानंद हो?
सिद्धांत तुम्हारा टूट रहा -क्यों सोए विवेकानंद हो?
सत्य अहिंसा मानवता की-हर सांस तड़़पती है
ये रूह तड़पती है ये सांस तड़़पती है
आंदोलन हड़ताल की धमकी, रूप बदलता है
उस युग की क्या बातें थीं-इस युग में क्या होता है?
बाप तड़़पता सड़कों पर-घर में बहन तड़पती है.
ये रुह भटकती है, ये सांस तड़पती है
गुरुकुल टूटा कब का- ये नई शिक्षा प्रणाली है
कहीं सीने पर छूरा चमका कहीं बंदूक दुनाली है
गुरु शिष्यों की परंपरा कब्रों में सिसकती है
ये रूह तड़पती है, ये सांस तड़़पती है
इस युग में माता- पिता तो नर्क का जीवन पाते हैं
पुस्तकों में कुमार श्रवण की कथा सुनाए जाते हैं
हर घर और चौराहों पर- वृद्धों की रूह तड़पती है
ये रुह तड़पती है- ये सांस तड़़पती है
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com