तुम हो
जिंदगी अब तो मेरी,तुम्हारी हो गई है।
अब प्यार दो या,
दो कुछ और तुम।।
सफर वहीं तक है,
जहाँ तक तुम हो।
नजर वहीं तक है,
जहाँ तक तुम हो।।
हजारों फूल देखे हैं,
इस गुलशन में मगर।
खुशबू वहीं तक है,
जहाँ तक तुम हो..।।
बहुत मिले सफर में,
हमें मुसाफिर तो।
पर हमसफर तो,
तुम ही मिले हो।।
लोग मिलते रहे,
और चलते रहे।
पर साथ चलने को,
तुम ही मिले हो।।
आते जाते है लोग,
मिलने और मिलाने।
पर अपना बनकर,
तुम ही आये हो।।
उथल पुथल जब,
मचा हुआ था।
तब तुमने आकर,
मुझे थमा लिया था।।
दुख सुख जीवन में,
आते जाते है।
पर साथ कैसे निभाना,
ये तो तुमसे सिखा।।
पग पग पर कांटे,
लाख बिछे थे।
पर उनको कैसे,
तुमने हटा दिये।।
तकदीर बदल जाती है,
किसी के नसीब से।
पर मेरा नसीब तो,
सिर्फ तुम हो प्रिये।।
जय जिनेंद्र
संजय जैन "बीना" मुंबई
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com