बच्चों की शरारतें
बच्चों की होती बचकानी ,बच्चों की होती शरारतें ।
बच्चे जो शरारत हैं करते ,
भली होतीं उनकी आदतें ।।
तुतली भाषा मधुर वाणी ,
बड़ी प्यारी सी लगती है ।
ठुमुक ठुमुक चाल चलना ,
भोली भाली ये लगती है ।।
छोटी छोटी बचकानी करे ,
मंद मंद वह मुस्कुराता है ।
मन का विह्वल निश्छल ,
जन मन को लुभाता है ।।
जन मन को हर्षित करता ,
किसी से भय न खाता है ।
निज बचपन छुटा कबका ,
बच्चे को देख अघाता है ।।
बड़ी प्यारी शरारत इनकी ,
बड़ा प्यारा ये मुस्कान है ।
मातपिता धन्य धन्य होते ,
गदगद होता अरमान है ।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
अरुण दिव्यांश
डुमरी अड्डा
छपरा ( सारण )बिहार ।
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com