Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

भाई बहन का प्यार , अनमोल है यह रिश्ता सार

भाई बहन का प्यार , अनमोल है यह रिश्ता सार

भाई बहन का यह प्यार ,
अनमोल है रिश्ता सार ।
माता पिता भाई व बहन ,
सृष्टि का पावन सूत्रधार ।।
मानव बना तबसे मानव ,
जब से लिया है संस्कार ।
मानव जीवन पावन बना ,
मानवता जीवन का हार ।।
दादा दादी चाचा व चाची ,
सारे मिल होते हैं परिवार ।
माता पिता भाई व बहन ,
सारे रिश्ते सृष्टि के शृंगार ।।
बड़े बुजुर्ग हैं मार्ग प्रदर्शक ,
कर प्रणाम जताते आभार ।
आदर स्नेह शिष्ट सभ्यता ,
बड़ों से सीखते शिष्टाचार ।।
यही होता है जीवन स्रोत ,
पावन संस्कृति है आचार ।
भाई बहन का प्यार यह ,
अनमोल यह रिश्ता सार ।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
अरुण दिव्यांश
डुमरी अड्डा
छपरा ( सारण )बिहार ।
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ