भाई बहन का प्यार , अनमोल है यह रिश्ता सार
भाई बहन का यह प्यार ,अनमोल है रिश्ता सार ।
माता पिता भाई व बहन ,
सृष्टि का पावन सूत्रधार ।।
मानव बना तबसे मानव ,
जब से लिया है संस्कार ।
मानव जीवन पावन बना ,
मानवता जीवन का हार ।।
दादा दादी चाचा व चाची ,
सारे मिल होते हैं परिवार ।
माता पिता भाई व बहन ,
सारे रिश्ते सृष्टि के शृंगार ।।
बड़े बुजुर्ग हैं मार्ग प्रदर्शक ,
कर प्रणाम जताते आभार ।
आदर स्नेह शिष्ट सभ्यता ,
बड़ों से सीखते शिष्टाचार ।।
यही होता है जीवन स्रोत ,
पावन संस्कृति है आचार ।
भाई बहन का प्यार यह ,
अनमोल यह रिश्ता सार ।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
अरुण दिव्यांश
डुमरी अड्डा
छपरा ( सारण )बिहार ।
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com