वह हॉफ सिटीजन कहलाता है
अथाह दूरी स्वदेश प्रेम,निज स्वार्थ अति चूर ।
सुस्त भाव परिवेश प्रति,
नैराश्य संकीर्णता भरपूर ।
विभेद पूर्ण व्यवहार संवाद ,
कुरीति अंधविश्वास फैलाता है ।
वह हॉफ सिटीजन कहलाता है ।।
कंटक सर्व धर्म समभाव,
स्नेह प्रेम भाईचारा बाधक।
नारी शोषण प्रोत्साहन सेतु,
वैचारिकी अनैतिकता साधक ।
नित विरुद्ध समता समानता,
तानाशाही परचम लहराता है ।
वह हॉफ सिटीजन कहलाता है ।।
विभाजक जाति धर्म क्षेत्र ,
राजनीति निम्न परिभाषक।
मानवता हित सदा विमुख ,
कर्म परे श्रेय अभिलाषक ।
भौतिक मृगमरीचिका भक्त,
पाश्विक जीवन बिताता है ।
वह हॉफ सिटीजन कहलाता है ।।
कर्तव्य पूर्व अधिकार मांग,
शासन प्रशासन सहयोग शुन्य ।
भ्रष्टाचार अन्याय समर्थक ,
आलोचनाएं अंतर अनुभूत पुण्य ।
प्रकृति संरक्षण पश्च कदम,
नागरिक धर्म नहीं निभाता है ।
वह हॉफ सिटीजन कहलाता है ।।
कुमार महेंद्र
(स्वरचित मौलिक रचना)
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