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डॉ० प्रेम कुमार की अध्यक्षता में जल-जीवन-हरियाली अभियान अन्तर्गत वन एवं वनों से बाहर कराये जा रहे वृक्षारोपण के सम्बन्ध में आयोजित की गयी समीक्षा बैठक

डॉ० प्रेम कुमार की अध्यक्षता में जल-जीवन-हरियाली अभियान अन्तर्गत वन एवं वनों से बाहर कराये जा रहे वृक्षारोपण के सम्बन्ध में आयोजित की गयी समीक्षा बैठक

पटना, 13 नवम्बर 2024 को डॉ० प्रेम कुमार, माननीय मंत्री, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, बिहार की अध्यक्षता में अरण्य भवन स्थित कार्यालय कक्ष में जल-जीवन-हरियाली अभियान अन्तर्गत वन एवं वनों से बाहर कराये जा रहे वृक्षारोपण के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक आयोजित की गयी। आयोजित बैठक में प्रधान मुख्य वन संरक्षक (भ्वथ्थ्), बिहार, पटनाध्अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (कैम्पा)-सह-नोडल पदाधिकारी (वन संरक्षण), बिहार मुख्य वन संरक्षक, प्रशासन एवं मानव संसाधन विकास, बिहार निदेशक, पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण, पटनाध्वन संरक्षक, वन्यप्राणी अंचल, पटना एवं सचिवालय की ओर से विशेष सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, बिहार संयुक्त सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, बिहार एवं अन्य वरीय पदाधिकारी शामिल हुए।
हरित आवरण

  • बिहार राज्य के भौगोलिक क्षेत्रफल का लगभग 15 प्रतिशत हरित आवरण से आच्छादित है। चतुर्थ कृषि रोड मैप में इसे बढ़ाकर 17 प्रतिशत किये जाने का लक्ष्य है।
  • जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत विभाग के द्वारा वन एवं वन से बाहर भूमि पर व्यापक पैमाने पर वृक्षारोपण कराया जा रहा है। किसानों के माध्यम से कृषि वानिकी के तहत पौधारोपण एवं जीविका दीदियों के सहयोग से उनकी भूमि पर पौधारोपण किया जा रहा है। चतुर्थ कृषि रोड मैप के अंतर्गत वर्ष 2023-28 के अवधि में 20 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य है। वर्ष 2024-25 में 4.68 करोड़ पौधारोपण के लक्ष्य के विरूद्ध अभी तक 3.89 करोड़ पौधे लगाये जा चुके हैं।
  • वर्ष 2024-25 में कृषि वानिकी अन्य प्रजाति योजना अंतर्गत अभी तक किसानों के द्वारा 41.5 लाख के लक्ष्य के विरूद्ध 32.33 लाख पौधों का रोपण किया जा चुका है। वहीं जीविका दीदियों के द्वारा 80.34 लाख पौधों के रोपण के लक्ष्य के विरूद्ध 75.00 लाख पौधों का रोपण किया गया है।
  • मनरेगा द्वारा 177.49 लाख पौधों के रोपण के लक्ष्य के विरूद्ध 199.62 लाख पौधों का रोपण तथा उद्यान निदेशालय द्वारा 9.31 लाख पौधों के रोपण के लक्ष्य के विरूद्ध 7.58 लाख पौधों का रोपण किया जा चुका है।
  • पौधों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये राज्य में 246 विभागीय पौधशालायें स्थापित है, जिनकी उत्पादन क्षमता 08 करोड़ से अधिक है। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री निजी पौधशाला योजना के अंतर्गत 192 किसान एवं 302 जीविका पौधशालायें स्थापित है, जहां से 01 करोड़ पौधे प्रति वर्ष उत्पादित होते है।

माननीय मंत्री द्वारा निदेश दिया गया कि राज्य का हरित आवरण 17 प्रतिशत करने हेतु सभी आवश्यक कार्य ससमय पूर्ण कराया जाय। वित्तीय वर्ष 2024-25 हेतु निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति हेतु संबंधित वन प्रमण्डल पदाधिकारियों द्वारा व्यक्तिगत स्तर से पौधे लगाने के लिये राज्य के किसानों को प्रोत्साहित अभिप्रेरित किया जाय। साथ ही उत्तर बिहार की जलवायु बसंतकालीन वृक्षारोपण के लिये उपयुक्त है इसलिये उत्तर बिहार के जिलों में बसंतकाल में वृहद पैमाने पर वृक्षारोपण कराया जाय।

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