राष्ट्र चेतना स्वरों में,युवा जोश स्पंदन
विकसित राष्ट्र स्वप्न वेदी,युवा भूमिका अग्र अहम ।
बोध शोध शक्ति सामर्थ्य,
तज मैं आत्मसात हम ।
दूरी पाश्चात्य मृग मरीचिका,
तत्पर निज संस्कृति वंदन ।
राष्ट्र चेतना स्वरों में, युवा जोश स्पंदन ।।
प्रौद्योगिकी संग राष्ट्र स्तुति,
परम सफलता शीर्ष बिंदु ।
सीमित प्रयोग कृत्रिम बुद्धिमत्ता,
मानवता नमन अंतर सिंधु ।
शिक्षा दर्शित व्यवहार पटल,
परिवेश सुरभि सम चंदन ।
राष्ट्र चेतना स्वरों में, युवा जोश स्पंदन ।।
स्वच्छ स्वस्थ दैनिक जीवन,
वैचारिकी नैतिकता ओतप्रोत।
घर बाहर अनुशासन पालन,
आत्मविश्वास मैत्री श्रोत ।
कर्तव्य प्रति निष्ठ शिष्ट,
अथक श्रम ध्येय रंजन ।
राष्ट्र चेतना स्वरों में, युवा जोश स्पंदन ।।
नारी शक्ति मान सम्मान,
अनुग्रह वृत्ति निर्धन उत्थान ।
वरिष्ठजन आज्ञा शिरोधार्य ,
सदा प्रयास कारक मुस्कान ।
सर्वत्र स्नेह प्रेम भाईचारा,
रग रग सकारात्मकता मंडन ।
राष्ट्र चेतना स्वरों में, युवा जोश स्पंदन ।।
कुमार महेंद्र
(स्वरचित मौलिक रचना)
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