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डॉ राकेश आर्य की तीन पुस्तकों का किया गया विमोचन: जेवर एयरपोर्ट का नाम स्वामी दयानंद के नाम पर रखने की उठी मांग

डॉ राकेश आर्य की तीन पुस्तकों का किया गया विमोचन: जेवर एयरपोर्ट का नाम स्वामी दयानंद के नाम पर रखने की उठी मांग

ग्रेटर नोएडा ( विशेष संवाददाता) यहां अंसल सोसाइटी में चल रहे ऋग्वेद पारायण यज्ञ के पांचवें दिन पूर्ण आहुति होने के उपरांत जेवर एयरपोर्ट का नाम स्वामी दयानंद जी के नाम से रखने की मांग की गई। साथ ही अंतिम सत्र में डॉक्टर राकेश कुमार आर्य की तीन पुस्तकों का विमोचन भी किया गया। आर्य प्रतिनिधि सभा जनपद गौतम बुद्ध नगर की ओर से सभी आर्यजनों के द्वारा जेवर एयरपोर्ट का नाम स्वामी दयानंद जी के नाम पर रखने की मांग की गई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा के महामंत्री श्री विनय आर्य ने अपना ओजस्वी वक्तव्य देते हुए कहा कि जेवर एयरपोर्ट का नाम स्वामी दयानंद जी के नाम से रखने की मांग कोई बड़ी बात नहीं है, परंतु हमें अपनी सामूहिक आवाज को नई ऊंचाई देनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि स्वामी दयानंद जी की सांगठनिक क्षमता बेजोड़ थी । उन्होंने सोई हुई हिंदू जाति को जगाने का महानतम कार्य किया। आज जब देश उनकी 200 वीं जयंती मना रहा है तो उनके अधूरे कार्यों को पूर्ण करने का संकल्प लेना हर राष्ट्रवासी और राष्ट्रवादी का प्रथम कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि आज देश के समक्ष जिस प्रकार की नई चुनौतियां खड़ी हैं, उनके बीच स्वामी दयानंद जी का चिंतन हमारा महत्वपूर्ण मार्गदर्शन कर सकता है। यदि उनके दिखाये गये मार्ग पर देश की राजनीति राष्ट्र नीति के रूप में अपना विस्तार लेती तो आज संप्रदायवाद, क्षेत्रवाद, भाषावाद आदि की चुनौतियां कहीं दिखाई नहीं देती। उन्होंने कहा कि आज हिंदू की घटती हुई आबादी हमारे लिए अत्यधिक चिंता का विषय होना चाहिए। यदि हिंदू का युवा नहीं जगा और उसने जनसंख्या बढ़ाने पर ध्यान नहीं दिया तो स्थिति और भी अधिक खतरनाक हो सकती है और दूसरे लोग अपनी जनसंख्या बढ़ाकर ही हिंदू के अस्तित्व को मिटा देंगे।
श्री विनय आर्य यहां पर स्वामी दयानंद जी महाराज की 200 वीं जयंती और सुप्रसिद्ध इतिहासकार डॉ राकेश कुमार आर्य की पूजनीया माताजी स्वर्गीय श्रीमती सत्यवती आर्या जी की 100 वीं जयंती के अवसर पर आयोजित ऋग्वेद पारायण यज्ञ में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर डॉ राकेश कुमार आर्य की तीन पुस्तकों भारत के शौर्य की गाथा, मेरे मानस के राम और श्री राम मंदिर : राष्ट्र को मिली नई ऊर्जा" का विमोचन भी किया गया।
यज्ञ के पांचो दिन आकर्षण का विशेष केंद्र बने रहे अंतरराष्ट्रीय स्तर के आर्य संन्यासी और वैदिक संस्कृति के उद्भट प्रस्तोता स्वामी सच्चिदानंद जी महाराज ने श्री आर्य की तीनों पुस्तकों के संबंध में कहा कि इतिहास के वास्तविक तथ्यों को आज की युवा पीढ़ी के समक्ष प्रस्तुत करने का काम डॉक्टर आर्य पूरी निष्ठा के साथ कर रहे हैं। जिन्हें आने वाली पीढ़ियां भी याद रखेंगी। उन्होंने कहा कि इतिहास का वास्तविक और तथ्यात्मक लेखन समय की आवश्यकता है। जिसके लिए डॉ आर्य की जितनी प्रशंसा की जाए, उतनी कम है, क्योंकि उन्होंने इस कार्य को बहुत ही परिश्रम के साथ संपन्न किया है और निरंतर कर रहे हैं।
इस अवसर पर डॉ राकेश कुमार आर्य ने अपनी तीनों पुस्तकों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि श्री राम का चिंतन, उनकी सोच , उनका व्यक्तित्व और कृतित्व हमारे वैदिक ऋषियों के चिंतन के अनुकूल है । जिससे यदि आज की पथभ्रष्ट राजनीति अपनाए तो निश्चय ही राष्ट्र का कल्याण हो सकता है। इसी दृष्टिकोण से उन्होंने श्री राम को लेकर उपरोक्त दोनों पुस्तकें लिखी हैं । इसके साथ ही मुगल काल के भूले बिसरे हिंदू योद्धाओं को भी आज की युवा पीढ़ी को ठीक से पढ़ने की आवश्यकता है। जिससे वर्तमान समय में हिंदू अस्तित्व के लिए खड़ी चुनौतियों का सामना किया जा सके।
इस अवसर पर कार्यक्रम के संयोजक और उगता भारत के अध्यक्ष श्री देवेंद्र सिंह आर्य ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि देश जिस भयानक दौर से गुजर रहा है उसमें हिंदू समाज के लिए जीवन मरण का प्रश्न खड़ा हो गया है अपने ही लोग गद्दारी कर रहे हैं और देश विरोधी शक्तियों का साथ दे रहे हैं। पाखंड चरम पर है और सर्वत्र अशांति दिखाई दे रही है। जिसके लिए हम सबको मिलकर राष्ट्रवादी शक्तियों के हाथ मजबूत करने चाहिए।
कार्यक्रम में स्वामी ओमानंद जी महाराज, देव मुनि जी महाराज, राजार्य सभा के प्रधान महेंद्र सिंह आर्य, आर्य प्रतिनिधि सभा गाजियाबाद के प्रधान तेजपाल सिंह आर्य सहित अनेक वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किये और मिलजुल कर समस्याओं का सामना करने पर बल दिया। कार्यक्रम का सफल संचालन आर्य सागर द्वारा किया गया। इस अवसर पर सरपंच रामेश्वर सिंह, कमल आर्य, वीरेश आर्य, धर्मवीर सिंह आर्य , महावीर सिंह आर्य, मुकेश नागर एडवोकेट, सतीश आर्य, नागेश कुमार आर्य, अजय कुमार आर्य,रईस राम भाटी सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में राकेश कुमार आर्य बीघेपुर, आर्य सागर, महावीर सिंह आर्य, महेंद्र सिंह आर्य, अमन आर्य श्रेया आर्या , श्रीमती बलेश आर्या, श्रीमती मृदुला आर्या , श्रीमती ऋचा आर्या , सौरभ सिंह आर्य, वरुण आर्य, आशीष आर्य, डॉ सुधीर बंसल, रामकुमार वर्मा, अजय आर्य, उत्साही कार्यकर्ता नागेश कुमार आर्य आदि का विशेष योगदान रहा। निरंतर 5 दिन तक चले इस ऋग्वेद पारायण यज्ञ में आर्य समाज के सुप्रसिद्ध भजन उपदेशक महाशय जगमाल सिंह आर्य जी का उत्साह जनक मार्गदर्शन प्राप्त होता रहा । इसके अतिरिक्त युवा क्रांतिकारी योगी महेश जी की ओजपूर्ण कविताओं ने भी लोगों का खूब दिल जीता। बहन सुनीति आर्या जी के वैदुष्यपूर्ण व्याख्यान की भी लोगों ने भूरि भूरि प्रशंसा की। आर्य प्रथम की सभा जनपद गौतम बुद्ध नगर के प्रधान डॉ राकेश कुमार आर्य के आवाहन पर अनेक युवाओं ने नए आर्य समाज स्थापित करने और संगठन के लिए समर्पित होकर काम करने का भी संकल्प लिया।इस अवसर पर आर्य प्रतिनिधि सभा उत्तर प्रदेश के सचिव आर्य वीरेश भाटी की उपस्थिति भी विशेष रूप से उल्लेखनीय है, जो कि समाज के लिए महत्वपूर्ण कार्य करते रहते हैं। आर्य प्रतिनिधि सभा जनपद गौतम बुद्ध नगर के उप प्रधान महावीर सिंह आर्य, मुकेश नागर एडवोकेट, मंत्री शिवकुमार आर्य व धर्मवीर सिंह आर्य , कोषाध्यक्ष आर्य दिवाकर नागर, ऑडिटर बाबूराम आर्य व दिनेश आर्य सहित जिला टीम के सभी पदाधिकारी भी विशेष उत्साह के साथ अपनी उपस्थिति देते रहे।
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