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इंतजार

इंतजार

आज मन उदास है।
दिलकी कुछ फर्याद है।
कल रहे न रहे हम।
इसलिए आज में जीते है।।
और तेरा इंतजार करते है।।


कुछ तो है तुम में।
जो मुझे याद आते हो।
दिन-रात तुम दिखते हो।
और प्यार को बड़ते हो।
इसलिए तेरा इंतजार करते है।।


संसारिक रिश्ते को निभाते हो।
कभी हंसकर तो कभी रोकर।
अपने पास तुम बुलाते हो।
और रिश्ते को निभाते हो।
इसलिए तेरा इंतजार करते है।।


जितना जीवन बीता गया।
उतने को ही याद करते है।
कल कल में न फसकर हम।
आज का लुप्त उठाते है।
इसलिए तेरा इंतजार करते है।।


जय जिनेंद्र 
संजय जैन "बीना" मुंबई
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