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विपत्तियाँ: सफलता का सोपान

विपत्तियाँ: सफलता का सोपान

 पंकज शर्मा
"विपत्तियाँ अक्सर सामान्य लोगों को असाधारण भाग्य के लिए तैयार करती हैं" – यह कहावत जीवन के सच को बखूबी बयां करती है। अक्सर हम मुसीबतों को जीवन का एक अभिशाप मान लेते हैं, लेकिन इतिहास और हमारे आसपास के लोग हमें बताते हैं कि ये मुश्किल परिस्थितियां ही हमें मजबूत बनाती हैं और हमें हमारे लक्ष्यों तक पहुंचने के लिए प्रेरित करती हैं।
जब हम किसी विपत्ति का सामना करते हैं, तो हम अपनी सीमाओं को पार करने के लिए मजबूर हो जाते हैं। हम ऐसे समाधान ढूंढते हैं जिनके बारे में हमने पहले कभी सोचा भी नहीं होगा। इस प्रक्रिया में, हम अपनी क्षमताओं को पहचानते हैं और अपने आप पर विश्वास करते हैं। विपत्तियां हमें सिखाती हैं कि हम कितने मजबूत हैं और हम कितनी मुश्किल परिस्थितियों का सामना कर सकते हैं।
आज भी, हम अपने आसपास ऐसे लोगों को देखते हैं जो विपत्तियों के बाद भी आगे बढ़ रहे हैं। कोई बीमारी से उबर रहा है, कोई आर्थिक संकट से लड़ रहा है, और कोई किसी व्यक्तिगत नुकसान से उबर रहा है। ये सभी लोग हमें प्रेरित करते हैं और हमें दिखाते हैं कि जीवन में कुछ भी असंभव नहीं है।
विपत्तियां हमें सिखाती हैं कि हम अकेले नहीं हैं। जब हम मुश्किल समय से गुजरते हैं, तो हमारे दोस्त, परिवार और समुदाय हमारी मदद के लिए आगे आते हैं। इस तरह, हम न केवल खुद को बल्कि दूसरों को भी मजबूत बनाते हैं।
अंत में, हमें यह याद रखना चाहिए कि विपत्तियां जीवन का एक हिस्सा हैं। हम उनसे बच नहीं सकते, लेकिन हम उनसे सीख सकते हैं। जब हम विपत्तियों का सामना करते हैं, तो हमें निराश नहीं होना चाहिए बल्कि उन्हें एक अवसर के रूप में देखना चाहिए। हमें अपने अंदर की शक्ति को पहचानना चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए।

. "सनातन"
(एक सोच , प्रेरणा और संस्कार) 
 पंकज शर्मा (कमल सनातनी)
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