यादों का सहारा
याद तन्हाईयों में आते हो।तो कभी दिलमें शमाते हो।
सच कहे तो मुझे भाते हो।
फिर भी मुझे रुलाते हो।।
प्यार की डोर नाजुक है।
दिलकी आवाज भी भावुक है।
जो हर समय महसूस कराती है।
इसलिए ही मिलने बुलाती हो।।
रिश्ते नातों से बढ़कर प्यार होता है।
इंसानी जज्बातों से प्यार होता है।
आना जाना तो लगा रहता है।
पर तेरा सदा इंतजार रहता है।।
जय जिनेंद्र
संजय जैन "बीना" मुंबई
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