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करुणा की वर्षा

करुणा की वर्षा

अपने अंदर करुणा रखो आवेश नहीं, मेघ की वर्षा से पुष्प खिलते हैं उसकी गर्जना से नहीं।
उपरोक्त उद्धरण हमें जीवन का एक गहरा सत्य बताता है: सच्चा परिवर्तन और विकास शांतिपूर्ण प्रयासों से ही संभव है, हिंसा और आक्रामकता से नहीं। मेघ की गर्जना भले ही शक्तिशाली हो, लेकिन वह जीवन को नष्ट कर सकती है। वहीं, मेघ की वर्षा धरती को सींचती है और नए जीवन को जन्म देती है।

करुणा : एक शक्तिशाली बल

करुणा एक ऐसी शक्ति है जो हमें दूसरों के दुख को समझने और सहानुभूति दिखाने में सक्षम बनाती है। यह हमें दूसरों की मदद करने और उन्हें प्रेरित करने की प्रेरणा देती है। करुणा के माध्यम से हम न केवल दूसरों को बल्कि स्वयं को भी शांति और खुशी प्रदान कर सकते हैं।

आवेश : विनाश का कारण

आवेश एक ऐसी भावना है जो हमें तर्कशक्ति खोने पर मजबूर करती है। आवेश में आकर हम अक्सर ऐसे निर्णय ले लेते हैं जिनका हमें बाद में पछतावा होता है। आवेश हिंसा, घृणा और विनाश का कारण बन सकता है।

"जीवन में करुणा का महत्व"

करुणा हमारे व्यक्तिगत जीवन के साथ-साथ समाज के लिए भी महत्वपूर्ण है। करुणा के माध्यम से हम एक ऐसे समाज का निर्माण कर सकते हैं जो अधिक शांतिपूर्ण, सौहार्दपूर्ण और समृद्ध हो। करुणा हमें दूसरों के साथ सहयोग करने और एक-दूसरे की मदद करने के लिए प्रेरित करती है।

प्रिय मित्रों इसलिए, आइए हम सभी अपने जीवन में करुणा को अपनाएं एवं हम दूसरों के प्रति दयालु और सहानुभूतिपूर्ण बनें। हम अपने आवेश को नियंत्रित करना सीखें एवं शांतिपूर्ण तरीकों से समस्याओं का समाधान करें। जब हम करुणा को अपने जीवन का हिस्सा बना लेंगे, तभी हम एक बेहतर दुनिया का निर्माण कर पाएंगे।

. "सनातन"
(एक सोच , प्रेरणा और संस्कार)

पंकज शर्मा
(कमल सनातनी)
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