संयम की अरुणाई में, खुशियों की तरुणाई
अंकुश अवांछित वैचारिकी,आत्म शक्ति परम बोध ।
रग रग विजय भव प्रवाह,
निर्णयन बिंदु सहज शोध ।
विलोप नैराश्य संकीर्णता,
उद्गम सकारात्मकता पुरवाई ।
संयम की अरुणाई में, खुशियों की तरुणाई ।।
शुद्ध सात्विक अंतःकरण,
मानवता श्री वंदन प्रयास ।
व्यवहार अंतर सदाचारिता,
उरस्थ अथाह उमंग उल्लास।
निज स्वार्थ सदा गौण ,
कर तत्पर पर सेवा भलाई ।
संयम की अरुणाई में, खुशियों की तरुणाई ।।
दैनिक जीवन अठखेलियां,
समयबद्ध अनुशासन ओतप्रोत ।
मस्त मलंग आचार विचार,
घट पट मिलनसारिता ज्योत ।
नैतिकता युक्त कर्म परिध,
प्रतिपल आनंद कविताई ।
संयम की अरुणाई में, खुशियों की तरुणाई ।।
माध्य साध्य चरित्र निर्माण,
उत्सविक प्रभा परिवेश उत्संग ।
चुस्ती फुर्ती मय कदम चाल,
स्तुत आत्म विश्वास मैत्री प्रक्रम ।
ध्येय साधना सहज सरल,
नयनन निर्झर नेह मिताई ।
संयम की अरुणाई में, खुशियों की तरुणाई ।।
कुमार महेंद्र
(स्वरचित मौलिक रचना)
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com