नीमन शरीर में रउरा , बाउर बिचार बा।
झूठ सांच बोली, खराब व्यवहार बा।।मुंह बंद रहला से , दिखाई ना परत बा।
मुंह खोलतेहीं बात , आग लेखा जरत बा।।
अइसे त पटरी ना केहू से खाई।
केहू लगे बैठी ना, दिही बिलगाई।।
दिया बाती जलेला, बाकिर सबके अंजोर देला।
एही से सब कोई , ओकरा आस पास रहेला।।
चमड़ी केहू देखे ना, व्यवहार सबे देखे ला।
जलते दिया के भी, सब कोई निरेखेला ।।
अइसन कुछ करीं जे, सब कोई नीमन कहे।
भेदभाव छोड़ सबे, रउरा आस पास रहे।।
घर ओ समाज में, आज एकरे दरकार बा।
ना त, सबका के बांटे खातिर सबे तैयार बा।।
जय प्रकाश कुवंर
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com