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जिंदगी के सफर में

जिंदगी के सफर में

जिंदगी के सफर में ,
हर्षो विषाद होते हैं ।
कहीं होते रंजो गम ,
कहीं उन्माद होते हैं ।।
सुखमय हों जीवन ,
वैसे अपवाद होते हैं ।
आजीवन छिने हॅंसी ,
वैसे विवाद होते हैं ।।
बना रहे जीवन सहर्ष ,
वही आह्लाद होते हैं ।
जीवन में छाए खुशी ,
वही हर्षनाद होते हैं ।।
आतंक नक्सलवाद ,
और ये उग्रवाद होते हैं ।
कहीं छाती हैं खुशियाॅं ,
कहीं ये फसाद होते हैं ।।
जीवन के सफर में ही ,
कुछ ये जल्लाद होते हैं ।
जो होते हैं नेक सज्जन ,
वही भक्त प्रह्लाद होते हैं ।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
अरुण दिव्यांश
डुमरी अड्डा
छपरा ( सारण )बिहार ।
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