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"धन, समय, ऊर्जा: जीवन की धाराएँ"

धन, समय, ऊर्जा: जीवन की धाराएँ

मनुष्य जीवन एक अनमोल उपहार है। इस उपहार के साथ हमें धन, समय, ऊर्जा और अनेक साधन प्राप्त होते हैं। ये सभी हमारे जीवन की धाराएँ हैं, जो कभी रुकती नहीं हैं। ये हमेशा बहती रहती हैं। और इनका प्रवाह तीन दिशाओं में होता है - भोग, दान और नाश।

1) भोग : हम अपने जीवन में प्राप्त धन, समय और ऊर्जा का उपयोग अपनी आवश्यकताओं एवं इच्छाओं की पूर्ति के लिए करते हैं। यह भोग का मार्ग है।
2) दान : जब हम अपने धन, समय या ऊर्जा का एक हिस्सा दूसरों के लिए समर्पित करते हैं, तो यह दान का मार्ग है। दान करने से न केवल हम दूसरों की मदद करते हैं बल्कि हम अपने अंदर एक संतुष्टि का अनुभव भी करते हैं।
3) नाश : यदि हम अपने धन, समय और ऊर्जा का उचित उपयोग नहीं करते हैं, तो वे नष्ट हो जाते हैं। जैसे पानी किसी बर्तन में रखने पर खराब हो जाता है, वैसे ही यदि हम अपने संसाधनों का उपयोग नहीं करते हैं तो वे व्यर्थ चले जाते हैं।

भारतीय संस्कृति ने दान को बहुत महत्व दिया है। अर्पण, तर्पण और समर्पण के सिद्धांतों पर आधारित हमारी संस्कृति हमें दान करने के लिए प्रेरित करती है। दान करने से न केवल हम समाज के विकास में योगदान देते हैं बल्कि हम अपने आध्यात्मिक विकास में भी सहयोग करते हैं।

"दान करने के अनेक लाभ हैं :"

1) संतुष्टि : दान करने से मन में एक गहरी संतुष्टि का अनुभव होता है।
2) आत्मविश्वास : दान करने से आत्मविश्वास बढ़ता है और व्यक्ति सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाता है।
3) सामाजिक कल्याण : दान करने से समाज में गरीबी और भुखमरी कम करने में मदद मिलती है।
4) आध्यात्मिक विकास : दान करने से आध्यात्मिक विकास होता है और व्यक्ति मोक्ष के मार्ग पर आगे बढ़ता है।

"दान के अनेक प्रकार हैं, जैसे :"

1) अन्नदान : भूखे लोगों को भोजन देना
2) वस्त्रदान : गरीबों को कपड़े देना
3) विद्यादान : ज्ञान का प्रसार करना
4) रक्तदान : रक्तदान करना
समयदान: अपने समय का दूसरों की सेवा में लगाना

धन, समय और ऊर्जा जीवन की तीन अनमोल धाराएँ हैं। हमें इनका उपयोग बुद्धिमानी से करना चाहिए। हमें अपने लिए भी जीना चाहिए और दूसरों के लिए भी। दान करना एक पुण्य का कार्य है, जो हमें आध्यात्मिक तंत्र रूप से समृद्ध बनाता है। आइए हम सभी मिलकर दान करने की परंपरा को जीवित रखें और समाज को एक बेहतर जगह बनाने में अपना योगदान दें।


. "सनातन"
(एक सोच , प्रेरणा और संस्कार) पंकज शर्मा
(कमल सनातनी)
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