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जीवन की असली सम्पदा

जीवन की असली सम्पदा

जीवन की यात्रा में हम अनेक चीजों का संग्रह करते हैं - धन, संपत्ति, यश, मान-सम्मान। ये सब सांसारिक सुख हैं, जो क्षणभंगुर होते हैं। लेकिन जीवन की कुछ ऐसी भी सम्पत्तियां हैं जो अमूल्य होती हैं और सदैव हमारे साथ रहती हैं। ये हैं - सत्य, नैतिकता, शील और उच्च चरित्र।

ये गुण किसी खजाने से कम नहीं हैं। ये हमें आंतरिक शक्ति देते हैं, हमें सही और गलत में फर्क करने की समझ प्रदान करते हैं। ये हमें जीवन के उतार-चढ़ावों का सामना करने की क्षमता देते हैं। जो व्यक्ति इन गुणों से युक्त होता है, वह सच्चा धनवान होता है।

"ज्ञान, तप, शील और सदगुणों का महत्व"

ज्ञान हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाता है। तप हमें संयमित और दृढ़ बनाता है। शील हमें दूसरों के प्रति सम्मान और सहानुभूति रखने की शिक्षा देता है। और सदगुण हमें एक अच्छा इंसान बनाते हैं। जब ये सभी गुण एक व्यक्ति में समाहित हो जाते हैं, तो उसका जीवन सार्थक हो जाता है।

"पुरुषार्थ और परमार्थ"

जीवन में सफल होने के लिए केवल पुरुषार्थ ही काफी नहीं है। हमें परमार्थ के मार्ग पर भी चलना चाहिए। पुरुषार्थ से हम अपनी व्यक्तिगत सफलता प्राप्त करते हैं, जबकि परमार्थ से हम समाज और मानवता की सेवा करते हैं। जब हम दोनों को संतुलित रूप से अपनाते हैं, तभी हम जीवन की सच्ची सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

सत्य, नैतिकता, शील और उच्च चरित्र ही जीवन की असली सम्पदा हैं। ये हमें सुखी, संतुष्ट और सफल जीवन जीने में मदद करते हैं। हमें इन गुणों को अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए और दूसरों को भी इनके लिए प्रेरित करना चाहिए। तभी हम एक बेहतर समाज का निर्माण कर सकते हैं।

. "सनातन"
(एक सोच , प्रेरणा और संस्कार) 
 पंकज शर्मा (कमल सनातनी)
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