याद करना भूल गए----
इश्क का जब अर्थ समझा, इश्क करना भूल गए,दर्द का जब दर्द समझा, अपने दर्द को भूल गए।
वादे भी किये हरदम, और निभाए भी ताउम्र हमने,
वादे का जब मतलब समझे, तो वादा करना भूल गए।
आपको जब तक समझा अपना अजीज, रोज याद करते थे,
अपना समझ कर दिल में बसाया, तो याद करना भूल गए।
किसको भूलें और किसको याद रखें हम,
याद जिनको रखना था, उनको ही भूल गये।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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