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हमदर्दी का वहम ढह गया।

हमदर्दी का वहम ढह गया।

डॉ. मेधाव्रत शर्मा, डी•लिट•

हमदर्दी का वहम ढह गया।
घाव हरा-का-हरा  रह गया।

                    घायल जाते -जाते जग के 
                  कानों में कुछ बात कह गया,
                  

 --  'बेरहमों  के  इस  सराय में 
   मरहम का ही कहत रह गया।'

                      तानाशाही  के  दरिया में,
                      लोकतंत्र का ताज बह गया।

     हर सियासी इंतखाब में 
     झूठों का सरदार लह  गया। 

(कहत =अकाल)

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