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बस यूँ ही जय हिन्द का नारा गुँजाता रहे

बस यूँ ही जय हिन्द का नारा गुँजाता रहे,

विश्व फलक पर विजयी तिरंगा फहराता रहे।
देश के वीरों की उपलब्धियों पर गर्व हो,
ब्रह्मांड में धर्म ध्वजा भगवा लहराता रहे।


जीत का परचम, खेलों में फहरा देते हैं,
सरहद पर दुश्मन की औकात बता देते हैं।
बालाकोट सी सर्जिकल स्ट्राइक भीतर घुस,
अंतरिक्ष तक भारत का परचम फहरा देते हैं।


एक ही लक्ष्य एक ही नारा इनका होता,
विजयी तिरंगा सबसे प्यारा इनका होता।
आन बान शान देश की सबसे पहले,
मरना भी जीने से प्यारा इनका होता।


मौत को भी खेल कहकर खेलते,
आग से भी खेल यह सब खेलते।
आँख दुश्मन की जरा तिरछी पड़े,
आँख से ही गोलियों को खेलते।

अ कीर्ति वर्द्धन
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