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भोजपुरी भाषा

भोजपुरी भाषा

( वर्ग में एगो शिक्षक लड़िकन से कुछ प्रश्न के उत्तर पूछत बानीं , जवना में एगो लड़िका दोसरे जवाब देत बा भोजपुरी भाषा के बड़ा बढ़िया ढंग से वर्णन कर रहल बा ।)
( वर्ग में लड़िका लोग बईठल बा , शिक्षक महोदय के प्रवेश होता आ लड़िका लोग शिक्षक के प्रवेश करते खड़ा हो जात बा )
शिक्षक : धन्यवाद बच्चों , बैठ जाओ । ( बच्चा लोग बईठ जात बा ) । बच्चों , आज मैं आप लोगों के लिए कुछ प्रश्न लेकर आया हूॅं , जिसके उत्तर आपको स्वयं ही देने हैं । आप लोग तैयार हैं ?
बच्चे : जी गुरुजी ।
शिक्षक : ( पहिला बच्चा से ) तुम्हारा नाम क्या है ?
बच्चा : जी आलोक ।
शिक्षक : मम्मी का अर्थ क्या होता है ?
बच्चा : मसाला लगा हुआ लाश ।
शिक्षक : ( दूसरे बच्चे से , अपना नाम बताओ ।
बच्चा : अजय प्रताप ।
शिक्षक : डैडी का अर्थ क्या होता है ?
बच्चा : मृतक
शिक्षक : ( श्यामपट्ट पर Bed लिखकर ) यह क्या है ?
बच्चा : बी एड । बैचलर ऑफ एजुकेशन ।
शिक्षक : ( श्यामपट्ट पर लिखके समझावत बानीं ) । बच्चे , तुमने जो जवाब दिया है , उसको ऐसे लिखते हैं : B. ed.
शिक्षक : (श्यामपट्ट पर Bad लिखके चउथा बच्चा से ) तुम बताओ बच्चे ।
बच्चा : जी बद ।
शिक्षक : बद मिन्स ।
बच्चा : बदमाश ।
शिक्षक : बैड मिंस बुरा या खराब होता है बेटे । वैसे दोनों में कोई खास अंतर नहीं है , किंतु बद शब्द भोजपुरी है , देहाती है और यह विद्यालय है , यहाॅं भोजपुरी शब्द नहीं चलेंगे ।
बच्चा : लेकिन काहे गुरुजी
गुरुजी : क्योंकि यह विद्यालय है और विद्यालय में भोजपुरी बोलने का आदेश नहीं है ।
बच्चा : लेकिन गुरुजी , स्कूलो त गाॅंवे देहात में बा । लड़िका त गॅंउवे से नु अईहन स भोजपुरिए समाज के नू । भोजपुरी के हिकाह काहे देखल जात बा । भोजपुरिए से हिन्दी के शुरुआत बा ।
शिक्षक : यह कैसे ? बता सकते हो तुम ।
बच्चा : जी जरूर ।
गाॅंव के विकसित भोजपुरी ह ,
गाॅंव गाॅंव से बनल बाटे प्रांत ।
गाॅंव के विकास से बनल शहर ,
गाॅंव गाॅंव के बन्हाईल सीमांत ।।
गाॅंव जिला प्रांत मिल देश भईल ,
जवना देश के नाम पड़ल हिन्द ।
हिन्द खातिर विकसित हिन्दी ,
आज हर देश में भईल मानिंद ।।
इस्लाम आके उर्दू फईलावल ,
अंग्रेजी फईलवले बा अंगरेज ।
अंगरेजी उर्दू बा विदेशी भाषा ,
आपन भोजपुरी रखीं सहेज ।।
कवना देश के कवना कोना में ,
नईखे बसल समाज भोजपुरी ।
जेकर भाषा फईलल विदेश में ,
उहे बनावत भोजपुरी से दूरी ।।
मत करीं रउवा परिहास एकर ,
एहिसे रउवो निखरल बानीं ।
बानीं हमनी भोजपुरी समाज से ,
आज काहे हमनी बिखरल बानीं ।।
भोजपुरी त बाटे भोज के पूड़ी ,
देश विदेश में बा समाज बढ़ाई ।
भोजपुरिए ह पूड़ी संग सब्जी ,
सब्जी बिन पूड़ियो ना घोंटाई ।।
शिक्षक : बात तो तुम्हारी सही है बच्चे । तुमने तो बहुत बड़ी बात कही है । भोजपुरिया समाज के लिए और भोजपुरी विकास के लिए विद्यालय में भोजपुरी की पढ़ाई होनी चाहिए । इसके लिए हम शिक्षकों और सरकार को भी अहम् भूमिका निभाना चाहिए तथा इसे आठवीं अनुसूची में इसको प्रवेश देना चाहिए । त ठीक बा लड़िका लोग , आज से भोजपुरी हमहूॅं अपनावत बानीं आ सरकारो के भीतरी हम पहुॅंचावत बानी आ भोजपुरी के आठवीं अनुसूची में प्रवेश दिलावे खातिर दूनों हाथ जोड़के सरकारो से निहोरा करत बानी ।
पटाक्षेप
नोट : इसके लिए आप समस्त विद्व माताओं, बहनों , अंग्रजों और अनुजों से सुझाव , मार्गदर्शन देने और इसे अग्रसर करने हेतु अहम् भूमिका अपेक्षित है ‌
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
अरुण दिव्यांश
डुमरी अड्डा
छपरा ( सारण )बिहार ।
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