डर का भूत भगाना होगा
डर का भूत भगाना होगा किस्मत को चमकाना होगा।मेहनत रंग दिखाती अपना खून पसीना बहाना होगा।
भाग्य भरोसे नहीं बैठना सपना सच कर जाना होगा।
कड़ी परीक्षा संघर्षों में हमें विजय हमेशा पाना होगा।
डर का भूत बिठाये रहते वो आफत गले लगाए रहते।
जो डरपोक बने है दुनिया में ठोकर खूब खाए रहते।
खूब डराता उसे जमाना जिसने सीखा बस डर जाना।
जाने कैसा खौफ उनका भीगी बिल्ली सा बन जाना।
डर का भूत भगाओ सब मेहनत को अपनाओ लोगों।
हिम्मत हौसलों के दम पर बुलंदियों को पाओ लोगों।
साहस सीने में भर लो सफलता की ओर बढ़ चलो।
बाधाओ को पार कर लो विजय की ओर बढ़ चलो।
डर डरकर जीने वालों को दुनिया कायर कहती है।
शब्दों का रस पीने वालों को दुनिया शायर कहती है।
स्वाभिमानी मनुज संसार में निर्भय होकर जीते हैं।
यश कीर्ति वैभव को पाते वो प्रेम सुधारस पीते हैं।
रमाकांत सोनी सुदर्शन
नवलगढ़ जिला झुंझुनूं राजस्थान रचना स्वरचित व मौलिक है
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com